19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड वासियों का एक खास तोहफा देने वाले हैं. शुक्रवार को प्रधानमंत्री 600 मेगावाट अल्ट्रा-मेगा सोलर पार्क की परियोजना का शिलान्यास करेंगे. साथ ही, अर्जुन सहायक सिंचाई परियोजना का नागरिकों के लिए उद्घाटन किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि सरकार का उद्देश्य बुंदेलखंड के इलाके को 'सोलर पावर हब' बनाना है. वहीं, अगर बात अर्जुन सहायक सिंचाई परियोजना की करें तो यह लगभग 2,655 करोड़ का प्रोजेक्ट है. इलाके के किसानों और आम नागरिकों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है.
लगभग एक दशक पहले शुरू हुआ था काम:
अर्जुन सहायक सिंचाई परियोजना के जरिए धसान नदी से कई जिलों तक नहर पहुंचाई गई है. इस परियोजना की शुरुआत साल 2009-10 में की गई थी. लेकिन बीच में काम रुक गया और इस साल योगी सरकार ने इस योजना को गति दी.
बुंदेलखंड में भूजल स्तर कम होने से ज्यादातर कुएं, नल आदि सूख गए हैं और इसलिए पिछले कई सालों से यह इलाका सूखाग्रस्त हो गया है. जिसके कारण खेत की सिंचाई तो क्या लोगों को पीने के पानी की भी किल्लत हो रही है. लेकिन अब ये सभी परेशानियां दूर होने की उम्मीद है.
क्यों खास है अर्जुन सहायक सिंचाई परियोजना:
साल 2009 में प्रदेश सरकार ने बेतवा नदी की सहायक नदी धसान से नहर निकालने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के समक्ष रखा था. धसान नदी मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से निकलती है. परियोजना के तहत इस नदी से नहर को उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा और हमीरपुर जिलों के गांवों तक पहुंचाया गया है.
इन इलाकों के लिए यह बहुत बड़ी सौगात है. क्योंकि इससे तीनों जिलों में 59,485 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी. साथ ही, कबरई बांध से महोबा को लगभग 20 एमसीएम पीने का पानी भी मिलेगा.
सीएम योगी ने लिया परियोजना का जायजा:
शुक्रवार को पीएम मोदी इस परियोजना का लोकार्पण करेंगे. लेकिन इससे पहले बुधवार को सीएम योगी ने चरखारी तहसील पहुंचकर अर्जुन बांध और कबरई फीडर का निरीक्षण किया. उन्होंने संबंधित अधिकारीयों से सभी जानकारी ली और उन्हें जरुरी दिशा-निर्देश दिए.