प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयदशमी के पर्व पर देश को 7 नई रक्षा कंपनियों की सौगात दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा कंपनियां का उद्घाटन किया है और राष्ट्र को अर्पित किया है. आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को बदलकर 7 नई कॉर्पोरेट संस्थाओं का गठन किया गया है. ये कंपनियां पूर्ण सरकारी स्वामित्व वाली होंगी.
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि रक्षा क्षेत्र में आज जो 7 नई कंपनियां उतरने जा रही हैं, वो समर्थ राष्ट्र के उनके संकल्पों को और मजबूती देंगी. पीएम मोदी ने विश्व युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व युद्ध के समय भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रियों का दम-खम दुनिया ने देखा है. हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था. आजादी के बाद हमें जरूरत थी इन फैक्ट्रियों को अपग्रेड करने की, न्यू एज टेक्नोलॉजी को अपनाने की. लेकिन इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया.
पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश का लक्ष्य भारत को अपने दम पर दुनिया की बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है. भारत में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का है. पिछले सात वर्षों में देश ने 'मेक इन इंडिया' के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है. पिछले सात वर्षों में देश ने ‘मेक इन इंडिया’ के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है.
भारत की सैन्य ताकत का आधार बनेंगी ये कंपनियां
पीएम मोदी ने कहा कि 41 ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, 7 नई कंपनियों की ये शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं. ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था. मुझे पूरा भरोसा है कि ये सभी सात कंपनियां आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बड़ा आधार बनेंगी.
पीएम मोदी ने कहा कि देश के डिफेंस सेक्टर में जितनी ट्रांसपैरेंसी है, ट्रस्ट है और टेक्नोलॉजी ड्राइवेन अप्रोच है, उतनी पहले कभी नहीं रही. आजादी केबाद पहली बार हमारे डिफेंस सेक्टर में इतने बड़े रिफॉर्म्स हो रहे हैं. अटकाने-लटकाने वाली नीतियोंकी जगह, सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है.
1000 से ज्यादा सामरिक उपकरण अब नहीं होंगे आयात
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा. इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर्स प्लेस किए हैं. ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक सरकार ने देश की रक्षा तैयारियों पर आत्मनिर्भरता में सुधार के लिए आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को एक विभाग से सात पूर्ण सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं में बदलने का फैसला किया है.
कंपनियों का यह निगमीकरण स्वायत्तता और दक्षता को बढ़ाएगा और नई विकास क्षमता और इनोवेशन को विकसित करने में मददगार साबित होगा. बीते एक दशक में स्वदेशी तोपखाने विकसित करने में महत्वपूर्ण विकास किए गए हैं.
5 राज्यों में दिग्गज गन प्रोडक्शन हब!
देश के पांच राज्यों में अब चार गन प्रोडक्शन हब हैं. एलएंडटी, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और भारत फोर्ज जैसी फर्मों ने राज्य के स्वामित्व वाले आयुध कारखानों का एकाधिकार तोड़ा है, मजबूत प्रतिस्पर्धा के साथ काम किया है.
7 नई कंपनियों से मिलेगा रक्षा क्षेत्र में बूस्ट!
सेना के डीजी (अर्टिलरी), लेफ्टिनेंट जनरल टीके चावला ने पहले कहा था कि सेना घरेलू उद्योग की हैंड होल्डिंग कर रही है जिससे यह तय किया जा सके कि एडवांस टोड एरे गन सिस्टम और ओएफबी की सहायता से निर्मित हॉवित्जर जैसी स्वदेशी परियोजनाएं उनकी जरूरतें पूरी कर सकें.
कौन सी कंपनियां होंगी लॉन्च?
अपने रक्षा स्वदेशीकरण अभियान में रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2021 के बाद 155 मिमी हॉवित्जर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. सेना के पास स्वदेशी बंदूक उद्योग की ओर रुख करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. सात नई कंपनियों के सामने आने से देश में रक्षा क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा. जिन सात नई रक्षा कंपनियों को शामिल किया गया है, वे मुनिशन इंडिया लिमिटेड (MIL), आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड (AVANI), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWE इंडिया), ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (TCL), यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL), इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL), और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (GIL) हैं.