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37 साल बाद परिवार से मिली महिला, पश्चिम बंगाल से जा पहुंची थी झारखंड

रेडियो क्लब के सचिव ने महिला से बात की और उसकी बोली से अंदाजा लगाया कि वह पश्चिम बंगाल के बीरभूम, बांकुरा और पुरुलिया जिलों के आदिवासी इलाके जंगलमहल से हो सकती हैं.

37 साल बाद परिवार से मिली महिला (सांकेतिक तस्वीर) 37 साल बाद परिवार से मिली महिला (सांकेतिक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • रेडियो क्लब के सचिव ने महिला की बोली से अंदाजा लगाया.

  • मेमोरी लॉस के कारण महिला को पिछली घटनाएं याद नहीं थी.

37 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ने के बाद अगर कोई उनसे मिले तो उस खुशी को शब्दों में बयां  करना मुश्किल है. ऐसी ही एक घटना में पश्चिम बंगाल में काम करने वाली एक महिला एक रेडियो चैनल के ऑपरेटरों के प्रयासों की बदौलत करीब 37 साल बाद अपने परिवार से मिली हैं. हैम रेडियो की मदद से करीब 37 साल बाद दक्षिण 24 परगना जिले में एक चाय की दुकान पर काम करने वाली एक महिला झारखंड के बोकारो जिले में अपने परिवार से मिल सकीं.  

पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने कहा कि मेमोरी लॉस से पीड़ित 67 साल की इन महिला को जिला और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में उसके पति को सौंप दिया गया. जिला अधिकारियों ने भी इस घटना की पुष्टि की है.  अंबरीश नाग बिस्वास ने पूरी घटना के बारे में बताया, "हमें करीब 15 दिन पहले एक पर्यटक ने बताया था कि बाखली समुद्र तट पर एक महिला चाय की दुकान पर करीब चार दशकों से काम कर रही हैं. लेकिन उन्हें याद नहीं कि वो असल में वह कहां की रहने वाली हैं."

बोली से लगाया अंदाजा

दो नागरिक पुलिस स्वयंसेवकों के साथ तथ्यों की पुष्टि करने के बाद, नाग विश्वास ने महिला से बात की और उसकी बोली से अंदाजा लगाया कि वह पश्चिम बंगाल के बीरभूम, बांकुरा और पुरुलिया जिलों के आदिवासी इलाके जंगलमहल से हो सकती हैं. गनु मंडल (बौरी) नाम की इन महिला को केवल अपना मूल स्थान चोराबस्ती याद था. लेकिन, उन्हे यह नहीं पता था कि यह कहां है. जिसके बाद हैम रेडियो ऑपरेटरों ने इस जगह की खोज शुरू कर दी. इस बीच एक एम्बुलेंस चालक ने बताया कि झारखंड में चोरबस्ती नाम की जगह मौजूद है. 

वीडियो कॉल से परिवार ने पहचाना 

अंबरीश नाग विश्वास ने आगे का घटनाक्रम बताते हुए कहा, "आखिरकार हैम रेडियो के ऑपरेटर्स, पुलिस और जिला प्रशासन की मदद से महिला के परिवार का पता लगा लिया गया. रविवार को गनु मंडल को उनके पति को सौंप दिया गया." नाग बिस्वास ने कहा कि उमापाड़ा, उनके पति और उनके परिवार को गनु मंडल की पहचान पर यकीन दिलाने के लिए एक वीडियो कॉल किया गया था. 

एक जिला पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने परिवार से कहा है कि डॉक्टर से उनकी जांच कराएं. लापता होने के बाद उन्हें कुछ आघात लगा होगा जिसका इलाज करने की जरूरत है." मेमोरी लॉस के कारण महिला को पिछली घटनाएं याद नहीं आ रही थी, ना ही ये याद था कि वह 430 किलोमीटर दूर बोकारो से बक्खाली कैसे पहुंची.