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मुंबई के इस शख्स को मिला देश में BH सीरीज का पहला रजिस्ट्रेशन नंबर

मुंबई के रोहित सुते देश के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें बीएच-सीरीज (BH-Series का नंबर मिला है. अगर किसी वाहक के पास ये रजिस्ट्रेशन मार्क होगा तो उसको अपने वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट करते समय नए रजिस्ट्रेशन मार्क की जरूरत नहीं पड़ेगी.

देश में BH सीरीज का पहला रजिस्ट्रेशन नंबर देश में BH सीरीज का पहला रजिस्ट्रेशन नंबर
हाइलाइट्स
  • मुंबई के रोहित सुते देश के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें ये नंबर मिला है

  • वाहनों में नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशन राज्यों के कोड के हिसाब से होता है

  • ट्रांसफर या शिफ्टिंग में बार-बार गाड़ियों के नंबर को बदलना पड़ता है

देश में बीएच-सीरीज (BH-Series) के रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं. मुंबई के रोहित सुते देश के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें ये नंबर मिला है. राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने ट्वीट करते हुए रोहित सुते को बधाई दी है. उन्होंने लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि आज महाराष्ट्र में बीएच पंजीकरण के पहले लाभार्थी, चेंबूर, मुंबई के रोहित सुते को अपना बीएचएस सीरीज वाहन मिला. महाराष्ट्र में लोगों को दिवाली से पहले BH सीरीज की गाड़ी मिल रही है!”

क्या है BH-Series?

दरअसल, ट्रांसफर या शिफ्टिंग में बार-बार गाड़ियों के नंबर को बदलना पड़ता है. इसके लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने बीएच सीरीज (BH-Series) की नंबर प्लेट शुरू की है. केंद्र सरकार द्वारा एक राज्य से दूसरे राज्य में वाहनों के बिना रोक-टोक के ट्रांसफर को आसान बनाने के लिए ये कदम उठाया गया है. ऐसे वाहनों के लिए एक रजिस्ट्रेशन मार्क है, जिसे ‘भारत सीरिज’ (BH-Series) का नाम दिया गया है. वाहक के पास ये रजिस्ट्रेशन मार्क होगा उसको अपने वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट करते समय नए रजिस्ट्रेशन मार्क की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

दूसरे नंबर से कैसे अलग है ‘BH’? 

वाहनों में नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशन राज्यों के कोड के हिसाब से होता है. मान लीजिये दिल्ली के लिए किसी को नंबर प्लेट चाहिए तो उसकी प्लेट पर ‘डीएल’ (DL) लिखा होगा, वहीं हरियाणा के लिए ‘एचआर’ (HR) या उत्तर प्रदेश के लिए यूपी (UP). वहीं, बीएच सीरीज की जो गाड़ियां होती हैं उनके नंबर’’बीएच’ BH से ही शुरू होते हैं क्योंकि इसका किसी राज्य से कोई लेनादेना नहीं होता है. बीएच यानि भारत, यह रजिस्ट्रेशन पूरे देश के लिए एक ही होता है.

इससे पहले क्या थे नियम?

इससे पहले की अगर बात करें, तो सबके लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 लागू होता था. इसके तहत ये नियम था कि किसी व्यक्ति को वाहन के रजिस्ट्रेशन वाले राज्य के अलावा जब किसी दूसरे राज्य में जाना होता था तो उसे अपने वाहन को 12 महीनों से ज्यादा समय तक रखने के लिए नया रजिस्ट्रेशन करवाना होता था.

कौन ले सकेंगे फायदा?

BH रजिस्ट्रेशन के फॉर्मेट की बात करें, तो यह YY BH 4144 XX YY रखा गया है. इस सुविधा का फायदा रक्षाकर्मियों के साथ केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी ले सकते हैं, या ऐसे लोग भी जो निजी कंपनियों में हैं और उनके कार्यालय चार या अधिक राज्यों में हैं, वे भी इसका फायदा उठा सकते हैं.