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सुरक्षा के मोर्चे पर और मजबूत होगा भारत, खरीदे जायेंगे 7,965 करोड़ रु. के सैन्य उपकरण

रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टरों सहित 7,965 करोड़ रुपये के हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद को मंगलवार को मंजूरी दे दी. बता दें, ये सभी 'मेक इन इंडिया' के तहत बनाए जाएंगे, जिनका डिजाइन, विकास और निर्माण सब भारत में होगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • ये मंजूरी रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में दी गई है

  • 7 हजार करोड़ रुपये के हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी गयी है

रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टरों सहित 7,965 करोड़ रुपये के हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद को मंगलवार को मंजूरी दे दी. इसके साथ भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) से लिंक्स यू2 फायर कंट्रोल सिस्टम और एचएएल  (HAL) से डोर्नियर एयरक्राफ्ट के मिड लाइफ अपग्रेडेशन की मंजूरी शामिल है. इन खरीद प्रस्तावों की मंजूरी रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) की बैठक में दी गई है. बता दें, ये सभी 'मेक इन इंडिया' के तहत बनाए जाएंगे, जिनका डिजाइन, विकास और निर्माण सब भारत में होगा. 

दरअसल, इन नए हेलिकॉप्टरों को चीता और चेतक सीरीज के हेलीकॉप्टरों के प्रतिस्थापन (Replacement) के रूप में जाना जाता है. ये हेलीकॉप्टर 1950 के दशक के फ्रांस के अलौएट एरोस्पेटियाल 315बी लामा (Alouette Aérospatiale 315B Lama) पर आधारित हैं और इनका लाइसेंस एचएएल द्वारा निर्मित है. वहीं, LUH, एक फ्रांसीसी बेस्ड इंजन द्वारा संचालित होता है, इसका टेस्ट सभी मौसमों में किया जा चुका है, जिसमें लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्र भी शामिल हैं. 
 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विदेशी कंपनियों और भारतीय निजी क्षेत्र की फर्मों और एचएएल के बीच रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत में 95 हेलीकॉप्टरों का निर्माण किया जाना है, जबकि विदेशों से 16 और हेलीकॉप्टर खरीदे जाएंगे. सूत्रों की मानें, तो भारत की केवल निजी फर्म ही प्रस्तावित परियोजना में शामिल थीं, सार्वजनिक क्षेत्र की उपयोगिता के अनुरोध पर एचएएल को शामिल किया गया था.

दरअसल, हाल ही में भारत ने चीन बॉर्डर पर अमेरिका में बने हथियारों को तैनात किया है. जहां एक ओर इन हथियारों को तैनात करने से भारत की सैन्य ताकत में इजाफा हुआ है, वहीं अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ये देश के आक्रामक बल का हिस्सा है.

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