जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि घर खरीदारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है. अक्सर बिल्डर्स द्वारा बनाए गए एग्रीमेंट्स में किए गए प्रावधानों से से घर खरीदार बैक फुट पर होते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने रियल्टी सेक्टर को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बिल्डर और एजेंट खरीदारों के लिए मॉडल पैक्ट तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) अधिनियम 2016 के तहत रियल्टी सेक्टर में पारदर्शिता लाई जा सके.
क्या होता है बिल्डर बायर्स एग्रीमेंट
जब आप किसी बिल्डर से फ्लैट खरीदते हैं. आप शुरुआती रकम देकर फ्लैट बुक कर लेते हैं. उस समय आपके और बिल्डर के बीच एक एग्रीमेंट होता है. यही बिल्डर बायर एग्रीमेंट है. इसमें सभी शर्तें जो आपके और बिल्डर के बीच होती है उसकी डिटेल्स दी होती है. इस एग्रीमेंट पर आपको लोन मिलता है.
क्या है पूरा मामला
एक जनहित याचिका में कहा गया है कि हर राज्य में अलग-अलग तरह के बिल्डर बायर एग्रीमेंट हैं और कुछ राज्यों में इसका कोई मॉडल भी नहीं है. निजी बिल्डर फ्लैट बेचते समय अपने फायदे का एग्रीमेंट बनवा लेते हैं. इसका नुकसान फ्लैट खरीददारों को होता है.
याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को एक मॉडल बिल्डर बायर एग्रीमेंट बनाना चाहिए, जिसे सभी राज्य और सभी निजी और सरकारी बिल्डर इस्तेमाल करें. इसमें फ्लैट बायर के हितों का भी ख्याल रखा जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि क्या ऐसा किया जा सकता है. चार हफ्तों में सरकार को देना होगा जवाब.