जहीर खान टीम इंडिया के लिए खेलने वाले सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक हैं. जहीर को उनकी रिवर्स स्विंग के लिए जाना जाता है.आज यानी 7 अक्टूबर को जहीर खान अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं.जहीर ने लगभग एक दशक तक भारतीय गेंदबाजी का नेतृत्व किया.उन्होंने साल 2000 में सौरव गांगुली की कप्तानी में डेब्यू किया था.
जहीर खान का जन्म महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में हुआ था. उनके पिता फोटोग्राफर और मां टीचर थीं.उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई हिंद सेवा मंडल न्यू मराठी प्राइमरी स्कूल और बाद में केजे सोमैया सेकेंड्री स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने मैकैनिकल इंजिनियरिंग डिग्री कोर्स में दाखिला लिया. जहीर शुरू से ही क्रिकेट के दीवाने थे इसलिए 17 साल की उम्र में उनके पिता उन्हें मुंबई ले आए. यहां जहीर ने नेशनल क्रिकेट क्लब के शुरूआती दो सत्रों के हर मुकाबले में भाग लिया.
जहीर खान का जन्म महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में हुआ था. उनके पिता फोटोग्राफर और मां टीचर थीं.उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई हिंद सेवा मंडल न्यू मराठी प्राइमरी स्कूल और बाद में केजे सोमैया सेकेंड्री स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने मैकैनिकल इंजिनियरिंग डिग्री कोर्स में दाखिला लिया. जहीर शुरू से ही क्रिकेट के दीवाने थे, इसलिए 17 साल की उम्र में उनके पिता उन्हें मुंबई ले आए. यहां जहीर ने नेशनल क्रिकेट क्लब के शुरूआती दो सत्रों के हर मुकाबले में भाग लिया.
कैसे की क्रिकेट की शुरुआत
शिवाजी पार्क जिमखाना के खिलाफ फाइनल में जहीर ने 7 विकेट लिए, जिसके बाद वो सुर्खियों में छा गए. इसके बाद जहीर को मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में चुन लिया गया.
भारत के लिए जहीर ने 309 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. इनमें 92 टेस्ट, 200 वन-डे और 17 टी-20 मैच शामिल हैं. जहीर ने 309 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कुल 610 विकेट अपने नाम किए हैं. जहीर खान के नाम टेस्ट में 311, वन-डे में 282 और टी-20 में 17 विकेट दर्ज हैं.
उनके जन्मदिन के मौके पर आइए नजर डालते हैं खेल में उनकी कुछ और शानदार उपलब्धियों पर-
सबसे अधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज
जहीर 2003 एकदिवसीय विश्व कप में 20 रन प्रति विकेट के औसत से 11 मैचों में 18 विकेट लेने वाले चौथे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे.
प्लेयर ऑफ द सीरीज
2007 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की जीत में जहीर को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ से नामित किया गया था.
विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर
2011 विश्व कप के नौ मैचों में 21 विकेट चटकाने वाले जहीर 2008 में विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुने गए.
2011 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित
जहीर ने साल 2011 भारत को एकदिवसीय विश्व कप में जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.उन्होंने केवल 9 मैचों में 21 विकेट लिए. वह पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने.खेल में उनके योगदान के लिए उन्हें उसी वर्ष अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
'नकल बॉल' फेंकने वाले पहले गेंदबाज
जहीर ने 2011 विश्व कप में नकल बॉल की शुरुआत की. इसका इस्तेमाल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में माइकल हसी सहित टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण विकेट हासिल करने के लिए किया.
हालांकि, क्रिकेट में नकल बॉल के इस्तेमाल की शुरुआत साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज चार्ल्स लैंगवेल्ट ने की थी, लेकिन इसका सही फायदा टीम इंडिया के दिग्गज गेंदबाज जहीर खान ने उठाया. जहीर ने लैंगवेल्ट की गेंदबाजी के वीडियो देखकर नकल बॉल की प्रैक्टिस की. सबसे पहले उन्होंने इस गेंद का इस्तेमाल 2010 टी-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज डेविड वॉर्नर के खिलाफ किया लेकिन पहली ही गेंद पर उन्हें छक्का पड़ गया.
इसके बाद जहीर ने 6 महीने से ज्यादा समय तक इस गेंद की प्रैक्टिस की और 2011 वर्ल्ड कप में इस्तेमाल किया. पहले उन्होंने वेस्टइंडीज के बल्लेबाज डेवोन स्मिथ को इस गेंद से अपना शिकार बनाया है. इसके बाद क्वार्टर फाइनल मुकाबले में नकल बॉल डालकर खतरनाक बल्लेबाज माइकल हसी का विकेट चटकाया था.