महज 15 साल की उम्र में नवीं क्लास के इस बच्चे ने ऐसा कुछ कर दिखाया है. जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है. इस बच्चे ने कबाड़ से कमाल की इबारत लिख डाली है. राजन दिल्ली के सुभाष नगर के सर्वोदय बाल विद्यालय में पढ़ते हैं. बचपन से ही राजन को कलपुर्जों में काफी रुचि है. राजन ने अपने सपने को पूरा करने के लिए झूठ का सहारा लिया. उन्होंने घर में झूठ बोला कि उन्हें स्कूल से ई-बाइक बनाने का प्रोजेक्ट मिला है. फिर क्या था. बेटे के प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए दोस्तों से उधार लेकर पिता दशरथ ने मायापुरी कबाड़ मार्केट से 10 हजार रुपये में कबाड़ बुलेट को खरीदी. इसके बाद राजन की सुबह और शाम इस बाइक को बनाने में जुट गए. तीन महीने की मेहनत के बाद राजन ने कबाड़ से कमाल कर दिखाया.