कोरोना में जब एक-एक परिवार के कई-कई लोग अस्पताल में थे या फिर बीमार हो कर अपने ही घर के एक कमरे में बंद थे तो इंसानों के खाने पीने की समस्या तो थी, साथ ही उन घरों में मौजूद पालतू जानवरों की देख रेख भी एक बड़ी समस्या बन गई. दिल्ली में रहने वाले आशा और अरूण ने इस समस्या को महसूस किया. आशा और अरुण ने बेजुबानों के लिए पेट बोर्डिंग शुरू किया. आशा और अरुण के बोर्डिंग में अब तीन घोड़े और 32 डॉग्स हैं. बेजुबानों के लिए आशा और अरुण ने जो किया वो कहानी हम इंसानों के जीवन को प्रेरणा देती है. देखिए ये रिपोर्ट.
Taking care of pets in a house with COVID patients was a serious challenge during COVID times. Meanwhile, Asha and Arun's pet boarding helped those pet owners in such a situation. Watch this video to know more about this story.