बाजार मे दीपों की भरमार है. देश के अलग-अलग शहरों में किस्म-किस्म के दीये बनाए तैयार किए जा रहे हैं. महज दीये ही नहीं बल्कि घर के सजाने वाले बहुत सारे सामान बाजार में बिक रहे हैं. दीवाली से पहले त्योहार की रौनक. पिछले साल तो कोरोना के चलते दिवाली फीकी रही थी. लेकिन इस बार माहौल बता रहा है कि सब अच्छा रहेगा. हैदराबाद में भी लोग पूरे उत्साह के साथ दिवाली की तैयारियों में जुटे हैं. दुकान तरह-तरह की झालरों से सजे हैं. मंगल प्रतीक चिह्नों वाली ये झालरें. लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं. दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विधान है. इसलिए खरीदारों के लिए दुकानों में भगवान की मूर्तियां सजी हैं और खिलौने भी तैयार हैं.
Potters too are busy in meeting the demand of earthen oil lamps ahead of the Festival of Lights. Potter makes a traditional earthen lamp using a potter's wheel. Once the lamps are made, they are ready to be supplied to the market. Some of the traditional earthen oil lamps are sold in the market in their raw form i.e as they are supplied from the potter. Some earthen lamps are again painted at workshops to give them a fancy and festive look.