50 साल के इतिहास में पहली बार इसरो अपने सैटेलाइट सेंटर को निजी कंपनियों के लिए खोल रहा है. ऐसा पहली बार होगा जब प्राइवेट कंपनी या कॉलेज के लोग अपनी सेटेलाइट लॉन्च करेंगे. ISRO के ऊपर सैटेलाइट लॉन्च वाले रॉकेट बनाने का बड़ा लोड रहता है. इस लोड को कम करने के लिए इसरो ने सैटेलाइट लॉन्च वाले दो रॉकेट जीएसएलवी मैक थ्री और एसएसएलवी को निजी और स्वदेशी कंपनियों से बनवाने का फैसला किया है.
50 साल के इतिहास में पहली बार इसरो अपने सैटेलाइट सेंटर को निजी कंपनियों के लिए खोल रहा है. ऐसा पहली बार होगा जब प्राइवेट कंपनी या कॉलेज के लोग अपनी सेटेलाइट लॉन्च करेंगे. ISRO के ऊपर सैटेलाइट लॉन्च वाले रॉकेट बनाने का बड़ा लोड रहता है. इस लोड को कम करने के लिए इसरो ने सैटेलाइट लॉन्च वाले दो रॉकेट जीएसएलवी मैक थ्री और एसएसएलवी को निजी और स्वदेशी कंपनियों से बनवाने का फैसला किया है.