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संतरे बेचकर खोला स्कूल, देखें पद्मश्री विजेता Harekala की कहानी

कर्नाटक के हरेकाला हजाब्बा को देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया है. हजाब्बा को ये सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने के लिए दिया गया. कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ के न्यूपाडापू गांव के रहने वाले हरेकाला हजाब्बा कभी स्कूल नहीं गए, कभी किताबों से वास्ता नहीं पड़ा. अक्षर संत के नाम से जाने जाने वाले हजाब्बा संतरे बेचकर अपना और अपने परिवार का गुजारा करते रहे. लेकिन एक दिन जब उनका सामना विदेशी टूरिस्ट से हुआ तो एक झटके में सबकुछ बदल गया. उनकी जिंदगी को नया मकसद मिल गया. हरेकाला हजाब्बा ने संतरे बेचकर जमा की गई रकम से गांव में एक स्कूल खोला. जरुरतमंद बच्चों के लिए एक एकड़ में प्राथमिक स्कूल की स्थापना की और हर साल अपनी बचत का बड़ा हिस्सा स्कूल के विकास के लिए देते रहे. देखें.

A fruit vendor from Karnataka's Mangaluru Harekala Hajabba was conferred the Padma Shri Award, India's second-highest civilian award, on Monday by the President of India for revolutionising rural education. Watch his story.