एक लेडी डॉक्टर की सोच जरा हट के है और इस अलग सोच के कारण ये एक मिसाल बन गई हैं. कोशिश इनकी ये है कि बेटे-बेटी का फर्क समाज से मिट जाए. डॉक्टर साहिब के नर्सिंग होम में बेटी पैदा होने पर फीस नहीं ली जाती. इतना ही डॉकटर साहिबा खुद मिठाइयां बंटवाती है. इन्होंने BHU से मेडिकल की पढ़ाई की है और लोगों की सोच से बेटे-बेटी का फर्क मिटाने को अपना मकसद बना लिया है.