दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के मामले पर हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार लोगों को घर में राशन पहुंचाने को मंजूरी दे दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि लेकिन फेयर प्राइस शॉप में राशन की कमी नहीं होनी चाहिए. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी फेयर प्राइस शॉप के बारे में उन कार्ड धारकों की जानकारी दें जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है. कोर्ट ने कहा कि इसके बाद उचित मूल्य के दुकानदारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के उन लाभार्थियों को राशन की आपूर्ति करने की जरूरत नहीं पड़ेगी जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है. ऐसे में इन दुकानों पर ऐसे लोगों का राशन भेजे जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. दिल्ली सरकार पहले प्रत्येक फेयर प्राइस शॉप चला रहे व्यक्ति को पत्र लिखकर उन राशन कार्ड धारकों की जानकारी दे. जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है, उसके बाद ही इस विकल्प का चुनाव करने वालों को उचित मूल्य की दुकान से राशन की आपूर्ति करने की जरूरत नहीं होगी. ऐसे में राशन दुकानदारों को पता होगा कि कि किन लोगों के घर राशन पहुंच रहा है.
The Delhi government’s ambitious door-to-door ration scheme received a shot in the arm, with the high court allowing the government to stop supplying foodgrains to fair price shops (FPS) for patrons who have chosen doorstep delivery over physical collection of ration.