जीवन में कोई भी कहीं भी अकेला पड़ सकता है. ये बहुत ही समान्य सी बात है. लेकिन अकेलेपन को अपना डर बना लेना बहुत गलत बात है. जब कभी जीवन में कोई हमारा अपना हमारा साथ छोड़ देता है तो हम घबरा जाते हैं कि अब क्या होगा? इस डर के कारण हमारे मन में अलग-अलग सवाल आते हैं, लेकिन जो इससे जीत लेता है वो ही सच्चा खिलाड़ी कहलाता है. ऐसे ही अकेलेपन की कहानी से कैसे जीतीं सुनीता अग्रवाल देखिए इस कहानी में. सुनीता और उनके पति दोनों को कोरोना हो गया था. दोनों साथ में अस्पताल गए लेकिन वापस लौटी सिर्फ सुनीता. सुनीता कोरोना से ठीक होकर घर आ गईं, लेकिन उनके पति को बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया और उनकी मौत हो गई. इसके बाद सुनीता ने जिस हिम्मत के साथ अपने आपको संभाला वहां से शुरू हुई उनकी दूसरी जिंदगी.
Anyone can fall alone anywhere in life and this is very common thing. But making loneliness your fear is a wrong. Whenever someone leaves our side in life we get nervous about what will happen now? Due to this fear, different questions come in our mind, but the one who wins from it is called a true player. See how Sunita Aggarwal won through all difficulties in her life in this story.