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Hip Replacement: चलने-फिरने में थी असमर्थ, दर्द से थी परेशान... हिप रिप्लेसमेंट के बाद पूरी तरह से स्वस्थ है 11 साल की लड़की

11 साल की फरजाना खातून हिप रिप्लेसमेंट कराने वाली देश की सबसे कम उम्र मरीज हैं. फरजाना बिहार के मधुबनी की रहने वाली हैं. उनके परिवार ने पटना में कई डॉक्टरों से इलाज कराया. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. इसके बाद परिवार ने फरजाना का इलाज मुंबई में कराया. अब हिप रिप्लेसमेंट के बाद फरजाना पूरी तरह से स्वस्थ हैं और बिना दर्द के चलने में सक्षम हैं.

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मुंबई में देश की सबसे कम उम्र की लड़की का हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई. 11 साल की फरजाना खातून पिछले दो साल रेयर ज्वाइंट डिजीज से पीड़ित थी, जिसकी वजह से वो चलने-फिरने में असमर्थ थी. उसे असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब सफल सर्जरी के बाद फरजाना बिना दर्द के चलने में सक्षम है.

11 साल की लड़की की हिप रिप्लेसमेंट-
मुंबई में परेल के केईएम अस्पताल में फरजाना खातून की हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई. फरजाना सिर्फ 11 साल की हैं और देश में सबसे कम उम्र में उनकी हिप सर्जरी की गई है. आमतौर पर हिप रिप्लेसमेंट बुजुर्गों में होता है. 17 साल से कम उम्र के बच्चों में ये दुर्लभ ही होता है. फरजाना खातून बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली हैं. उनके पिता कपड़ा व्यापारी हैं.

पटना में कई डॉक्टरों से कराया इलाज-
दाहिने हिप की बीमारी की चलते फरजाना को चलने में भी दिक्कत होती थी. पिछले एक साल से अधिक समय से फरजाना एंटी-ट्यूबरक्लोसिस दवा ले रही थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक फरजाना की मां जीनत खातून ने कहा कि इन दो सालों में हम उसे कई डॉक्टरों के पास ले गए. कुछ महीने पहले पटना के एक डॉक्टर ने केईएम अस्पताल जाने को कहा.

6 नवंबर को फरजाना का ऑपरेशन करने वाले ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एसएस मोहंती ने कहा कि उसके एमआरआई स्कैन से पता चला कि दाहिने हिप की हड्डी पूरी तरह से डैमेज है. दूसरे जुवेनाइल ज्वाइंट डिजीज को खत्म करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि उसे हिप की इडियोपैथिक चोंड्रोलिसिस है.

गलत तरीके से एक साल तक टीबी का इलाज-
केईएम अस्पताल की डीन डॉ. संगीता रावत ने बताया कि गलत तरीके से लड़की का एक साल तक टीबी का इलाज किया गया. 3 महीने की ट्रीटमेंट के बाद उसे tertiary centre भेजा जाना चाहिए था, जहां सही इलाज हो सके और सही सर्जिकल स्किल्स उपलब्ध है.

इस बीमारी में क्या होता है-
चोंड्रोलिसिस में हिप ज्वाइंट की नरम हड्डी नष्ट हो जाती है. यह बीमारी आमतौर पर 12 साल से कम उम्र के बच्चों में देखी जाती है. कुछ साल पहले तक ये बीमारी होने की स्थिति में उस हिस्से को निकाल दिया जाता था. लेकिन इससे बच्चे के चलने-फिरने की स्थिति पर असर पड़ता था. जुलाई 2022 में इंडियन जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक्स में एक रिपोर्ट छपी थी. जिसके मुताबिक 11 से 14 साल के 136 मरीजों पर एक स्टडी की गई थी. जिसमें हिप के चोंड्रोलिसिस के लिए कई इलाज किए गए और पाया गया कि हिप रिप्लेसमेंट ज्यादा बेहतर है.

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