फिल्मों का असर अक्सर युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. फिल्में युवाओं को सीखने और बिगड़ने दोनों का मौका देती हैं. ऐसे ही दो दिनों में तीन बार सुपरहीट फिल्म केजीएफ चैप्टर-2 देखने के बाद एक 15 साल के लड़के ने एक ही दिन में एक पैकेट सिगरेट का डब्बा पी लिया, जिसके बाद उसके गले में दर्द होने लगा और बहुत ज्यादा खांसी होने लगी. इलाज के लिए लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
हैदराबाद के सेंचुरी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने लड़के की काउंसलिंग के अलावा उसका सफलतापूर्वक इलाज किया है लेकिन, इससे एक बार फिर युवाओं पर फिल्मों का खराब असर पड़ने का मुद्दा गरमा गया. समाज को ऐसी फिल्मों का भहिष्कार करने की जरूरत है.
फिल्म निर्माताओं की नैतिक जिम्मेदारी
मामले पर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रोहित रेड्डी पथुरी ने कहा, "युवा आसानी से 'रॉकी भाई' जैसे पात्रों से प्रभावित हो जाते हैं. केजीएफ देखने के बाद भी इस युवक का यही हाल हुआ. युवक सिगरेट पीने लगा और सिगरेट से भरा पैकेट खाकर गंभीर रूप से बीमार हो गया.
उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे सिगरेट पीने या तंबाकू चबाने या शराब का सेवन करने जैसी हरकतों को ग्लैमराइज न करें. 'रॉकी भाई' जैसे कैरेक्टर युवाओं को बिगड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
माता-पिता की जिम्मेदारी
डॉ रोहित रेड्डी आगे कहा कि बच्चों के माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इस बात पर नज़र रखें कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं और कैसी फिल्में देख रहे हैं. बाद में पछताने के बजाय, यह जरूरी है कि माता-पिता तंबाकू धूम्रपान और शराब के सेवन जैसे कृत्यों के दुष्प्रभावों के बारे में अपने बच्चों को पहले ही जागरूक करें.
केजीएफ चैप्टर- 2
KGF: चैप्टर 2 को प्रशांत नील ने लिखा और निर्देशित किया है. फिल्म का निर्माण होम्बले फिल्म्स के विजय किरागंदूर द्वारा बड़े पैमाने पर किया गया था. फिल्म में यश, संजय दत्त, रवीना टंडन और श्रीनिधि शेट्टी मुख्य भूमिका में हैं.
(हैदराबाद से आशीष पांडे की रिपोर्ट)
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