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Abdominal Obesity: भारत में 30-49 एज ग्रुप की 50% महिलाएं पेट के मोटापे से ग्रसित, इन तरीकों से कम करें Belly Fat

लैंसेट के इस अध्ययन में पाया गया कि जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, वे सामान्य मोटापे की तुलना में पेट के मोटापे से जल्दी ग्रसित हो जाती हैं. इस अध्ययन के मुताबिक बौद्ध और जैन महिलाओं में मोटापे कम देखने को मिलता है जबकि सिख और ईसाई धर्म की महिलाओं में मोटापा ज्यादा देखने को मिलता है. हालांकि ये अंतर पुरुषों में बहुत स्पष्ट नहीं था.

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हाइलाइट्स
  • पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में मोटापा बढ़ा

  • शहरी क्षेत्रों में महिलाओं में मोटापा बढ़ा

भारत में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. पुरुषों के मुकाबले उम्रदराज महिलाओं में मोटापा ज्यादा देखने को मिल रहा है. एक नए अध्ययन में भारत में पेट के मोटापे की व्यापकता पाई गई है जिसे नेशनल फ़ैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2019-2021) के आंकड़ों के मुताबिक देश की महिलाओं में पेट का मोटापा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. देश में पेट के मोटापे की व्यापकता महिलाओं में 40% और पुरुषों में 12% पाई गई है.

10 में से 6 महिला पेट के मोटापे से ग्रस्त

IIHMR यूनिवर्सिटी और ब्लूमबर्ग स्कूल ऑप पब्लिक हेल्थ, जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, बाल्टीमोर, यूएसए के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया ये अध्ययन भारत के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 724,115 महिलाओं और 101,839 पुरुषों से ली गई जानकारी पर आधारित है. इस अध्ययन में पाया गया है कि 30-49 की उम्र के बीच की 10 में से 5-6 महिलाएं पेट से मोटापे से ग्रस्त हैं.

दक्षिणी राज्यों की महिलाएं मोटापे से ज्यादा ग्रसित

इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि वृद्धावस्था में महिलाओं के मोटे होने की संभावना अधिक होती है. महिलाओं में निकले हुए पेट का संबंध बड़ी आयु वर्ग, शहरी निवास, अमीर वर्ग और मांसाहारियों साथ ज्यादा मजबूत है. अध्ययन में पाया गया कि ज्यादातर महिलाएं दक्षिणी राज्यों जैसे केरल (65.4%) और तमिलनाडु (57.9%) और उत्तरी राज्यों पंजाब (62.5%) और दिल्ली (59%) में मोटापे से ग्रस्त पाई गई हैं. झारखंड (23.9%) और मध्य प्रदेश (24.9%) राज्यों की महिलाओं में पेट का मोटापा कम देखा गया. 15-19 आयु वर्ग में, 12.7% महिलाएं पेट के मोटापे से ग्रस्त थीं जबकि 20-29 आयु वर्ग में यह बढ़कर 32.2% जबकि 30-39 और 40-49 आयु वर्ग में बढ़कर 49.3% और 56.7% हो गया.

बौद्ध और जैन महिलाओं में कम देखने को मिलता है मोटापा

अध्ययनों से पता चला है कि 2016 तक, 2 अरब से अधिक वयस्क ज्यादा वजन वाले या मोटे थे. लैंसेट के इस अध्ययन में पाया गया कि जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, वे सामान्य मोटापे की तुलना में पेट के मोटापे से जल्दी ग्रसित हो जाती हैं. इस अध्ययन के मुताबिक बौद्ध और जैन महिलाओं में मोटापे कम देखने को मिलता है जबकि सिख और ईसाई धर्म की महिलाओं में मोटापा ज्यादा देखने को मिलता है. हालांकि ये अंतर पुरुषों में बहुत स्पष्ट नहीं था.

पेट का मोटापा कैसे मापें

सरल शब्दों में मोटापे का अर्थ है शरीर में चर्बी का जमा होना. मोटापे से जुड़े जोखिम शरीर में Fat के पैटर्न पर निर्भर करते हैं. पेट का मोटापा मोटापे के सामान्य प्रकारों में से एक है. अगर महिलाओं के कमर का घेरा 80 सेमी और पुरुषों का 94 सेमी से ज्यादा हो तो इसे पेट का मोटापा की श्रेणी में डाला जाता है.

मोटापा आपके शरीर के लिए सबसे खतरनाक चीज है. जैसे-जैसे मोटापा बढ़ता जाता है, वैसे वैसे आपको बीमारियां घेरती जाती हैं. समय रहते अगर इस पर कंट्रोल नहीं किया तो आगे चलकर यह एक बड़ी समस्या बन जाती है. मोटे लोगों में अधिकतर गुर्दे की समस्या, जोड़ों में दर्द, डायबिटीज, सांस लेने में परेशानी, हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल, पीठ में दर्द, दिल का दौरा जैसी बीमारियां अधिक पाई जाती हैं.

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर कम कर सकते हैं मोटापा

मोटापे के खतरे को कम करने के लिए सबसे पहले वजन कम करना होता है और ऐसा करने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहने और अच्छी डाइट लेने की जरूरत होती है. थोड़ा-बहुत पेट निकलता दिखने पर ही अपनी कुछ आदतों में सुधार कर लेना बेहतर है. साइकिल चलाने, सीढ़ियां चढ़ने और तैरने जैसी  शारीरिक गतिविधियों से आप शुरुआत कर सकते हैं.