रीवा में एक गरीब महिला पिछले 15 साल से गले में 7 किलो की थायराइड गांठ होने की वजह से घुट घुट कर जीने के लिए मजबूर थी. लेकिन डॉक्टर की टीम ने सफल ऑपरेशन कर इस महिला को जीवनदान दे दिया है. इस थायराइड ग्रंथि को निकलना मेडिकल साइंस में अत्यंत जटिल और दुर्लभ ऑपरेशन माना जाता है.
आयुष्मान भारत हुआ वरदान साबित
आयुष्मान भारत रीवा की एक गरीब महिला के लिए वरदान साबित हुआ है. नेबुहा बड़ी हर्दी गांव की 61 वर्षीय राजकली कोल गले में थायराइड गांठ होने की वजह से पिछले 15 साल से घुट घुट कर जीने के लिए मजबूर थी. राजकली के लिए भर पेट खाना पानी दुर्भर हो चुका था. दर्द से हाल बेहाल हो जाता और दो घूट पानी भी पीना मुश्किल था. गरीबी की वजह से इलाज कराने में महिला असमर्थ थी. तकलीफ ज्यादा होने पर परामर्श लेने नेशनल हॉस्पिटल गई जहां डॉक्टर की टीम ने एडमिट कर दिया और तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी.
सफलतापूर्वक किया ऑपरेशन
कैंसर सर्जन डॉक्टर योगेश्वर शुक्ला और अखिलेश पटेल ने एक टीम बनाई महिला का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया. इसमें 7 किलो की ट्यूमर निकाला गया. ऑपरेशन के बाद अब राजकली पूरी तरह से स्वस्थ है. उसे जल्द ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. बीमारी से छुटकारा पाते खुशी से राजकली की आंखों में आंसू आ गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही डॉक्टर अखिलेश पटेल की टीम का आभार जताया है.
15 साल से थी परेशानी
नेशनल हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर अखिलेश पटेल ने बताया की महिला 15 साल से इस बीमारी से ग्रसित थी, लेकिन गरीबी के चलते इलाज नहीं हो पा रहा था. आयुष्मान भारत का कार्ड होने से महिला को निशुल्क इलाज दिया गया. अब महिला को बीमारी से छुटकारा मिल चुका है और कोई खर्च भी नहीं आया.
(विजय कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट)