कोरोना के टीके के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य नहीं है. इसका मतलब ये है कि अब COWIN पोर्टल पर टीकाकरण के लिए आधार कार्ड समेत नौ तरह के पहचान पत्र से पंजीकरण कराया जा सकता है. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस बात की सूचना दी है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो टीकाकरण के वक्त लोगों से आधार कार्ड मांगने पर जोर ना दें.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
कुछ केंद्रों पर टीकाकरण के लिए आधार कार्ड पर जोर देने का दावा करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने अधिकारियों से कहा कि वो टीकाकरण के लिए केवल आधार कार्ड पर जोर न दें.
नौ दस्तावेजों में किसी का भी करें इस्तेमाल
"स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने याचिका में एक हलफनामा दायर करते हुए ये साफ किया है कि COWIN पोर्टल पर पंजीकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है और नौ दस्तावेजों में से किसी एक की मदद से भी पंजीकरण कराया जा सकता है. आधार टीकाकरण के लिए अनिवार्य नहीं है."
सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई था याचिका
दरअसल इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया थी कि टीकाकरण के वक्त कई केंद्रों पर आधार कार्ड के लिए जोर दिया जा रहा है. जिसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया है. मंत्रालय की ओर से पेश अधिवक्ता अमन शर्मा ने पीठ को बताया कि आधार ही एकमात्र शर्त नहीं है और बिना किसी पहचान पत्र के 87 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है. वहीं याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता मयंक क्षीरसागर ने तर्क दिया कि टीकाकरण केंद्रों को आधार कार्ड नहीं मांगना चाहिए.