scorecardresearch

Adenomyosis : हर 5 में से एक औरत को होती है एडिनोमायोसिस बीमारी, जानें इसके लक्षण और उपाय

इसमें यूट्रस की मांसपेशियों की लेयर के भीतर एंडोमेट्रियम सेल्स पैदा हो जाती हैं. आमतौर पर ऐसी सेल्स यूट्रस के बाहर पाई जाती हैं, लेकिन एडिनोमायोसिस में ये यूट्रस की लेयर्स पर बनने लग जाती हैं. 

Adenomyosis in Women Adenomyosis in Women
हाइलाइट्स
  • यूट्रस में बनती हैं एंडोमेट्रियम सेल्स 

  • पहले नहीं चल पाता है पता 

महिलाओं में होने वाली कई ऐसी बीमारियां हैं जिनके बारे में वे कम जानती हैं या नजरअंदाज कर देती हैं. हालांकि, ये बीमारियां जानलेवा हो सकती हैं. ठीक ऐसी ही बीमारी के बारे में हाल ही में बीबीसी प्रेजेंटर नागा मुनचेती ने बताया है. उन्होंने खुलासा किया कि वह एडेनोमायोसिस से पीड़ित हैं. ये यूट्रस से जुड़ी एक बीमारी है. उन्होंने बताया कि कैसे दर्द के कारण वह हिलने-डुलने में भी असमर्थ हो जाती हैं. इतना ही नहीं बल्कि इस बार तो यह इतना ज्यादा हो गया था कि उन्हें एम्बुलेंस बुलानी पड़ी. हालांकि, कई लोगों ने इस स्थिति के बारे में कभी नहीं सुना है, बावजूद इसके कि यह पांच में से एक महिला को प्रभावित करती है.

क्या है एडेनोमायोसिस?

दरअसल, एडेनोमायोसिस में महिलाओं को अनियमित या हैवी फ्लो वाले पीरियड्स हो सकते हैं. इतना ही नहीं इसमें दर्दनाक तरीके से पैल्विक Pain हो सकता है. लक्षणों की गंभीरता रोगियों के बीच अलग-अलग हो सकती है. इतना ही नहीं, एडिनोमायोसिस वाली एक तिहाई महिलाओं में कम या कोई लक्षण नहीं भी हो सकते हैं.

इस बीमारी की वजह से फर्टिलिटी क्षमता भी प्रभावित हो सकती है. एडेनोमायोसिस से पीड़ित महिलाएं जो गर्भवती हो जाती हैं, उनमें गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी, प्री-एक्लेमप्सिया और डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है.

यूट्रस में बनती हैं एंडोमेट्रियम सेल्स 

एडेनोमायोसिस, गर्भाशय (Uterus) को प्रभावित करने वाली बीमारी है. इसमें यूट्रस की मांसपेशियों की लेयर के भीतर एंडोमेट्रियम जैसी सेल्स पैदा हो जाती हैं, जिसे मायोमेट्रियम के रूप में जाना जाता है. आमतौर पर ऐसी सेल्स यूट्रस के बाहर पाई जाती हैं, लेकिन एडिनोमायोसिस में ये यूट्रस की लेयर्स पर हो जाती हैं. 

पहले नहीं चल पाता है पता 

एडेनोमायोसिस का निदान ऐतिहासिक रूप से हिस्टेरेक्टॉमी के बाद पैथोलॉजी असेसमेंट पर निर्भर करता है. हालांकि, एमआरआई और पेल्विक अल्ट्रासाउंड जैसी इमेजिंग टेक्नोलॉजी की मदद से बिना सर्जरी के भी इसे डायग्नोस कर लिया जाता है. हालांकि, ये काफी मुश्किल होता है. फोकल घावों से लेकर मायोमेट्रियम के भीतर फैली हुई सेल्स तक इसके अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं. कई बार इसमें कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं. 

ट्रीटमेंट के तरीके

एडिनोमायोसिस के ट्रीटमेंट के लिए दर्द और भारी ब्लीडिंग को कम करने के उद्देश्य से हार्मोनल और गैर-हार्मोनल दवाएं दी जाती हैं. अगर क्लिनिकल ट्रीटमेंट असरदार नहीं हैं, तो घाव हटाने या हिस्टेरेक्टॉमी सहित सर्जिकल विकल्पों पर विचार किया जा सकता है. हालांकि, ट्रीटमेंट कैसे करना है और करवाना है ये इसपर भी निर्भर करता है कि मरीज को सहूलियत किसमें है.