उम्र के साथ बुढ़ापा आना आम बात है लेकिन कुछ लोगों में इसके लक्षण पहले ही दिखाई देने लगते हैं. ऐसा होता है कम मात्रा में पानी पीने से. अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की ओर से किए गए शोध में दावा किया गया है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से बुढ़ापा जल्दी नहीं आता और समय से पहले मौत का खतरा भी कम हो जाता है. अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएंगे तो बीमारियों का जोखिम भी कम होगा.
चूहों पर की गई रिसर्च
ईबायोमेडिसिन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से जीवन रोग मुक्त होता है. बुढ़ापा भी देर से आता है. चूहों पर किए गए शोध के नतीजों के आधार पर शोधकर्ताओं ने पाया कि कम मात्रा में पानी पीने से बुढ़ापा आने की प्रक्रिया तेज हो जाती है. इस अध्ययन में चूहों को जीवनभर पर पानी दिया गया था. इससे चूहों में सोडियम बढ़ गया और इससे उनका जीवन छह महीने कम हो गया. ताजा रिसर्च यह बताती है कि चूहों की तुलना में मनुष्य का जीवन 15 साल तक कम हो सकता है.
कितना पीना चाहिए पानी?
इस शोध के मुताबिक कम पानी पीने से 64 फीसदी तक डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. एक अनुमान के अनुसार महिलाओं के लिए 2.7 लीटर और पुरुषों के लिए 3.7 लीटर हर दिन पानी पीना जरूरी है. कम पानी पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो जाती है. अगर आप जरूरत से ज्यादा पानी पी रहे हैं, तो इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी, उल्टी-जी मिचलाना, हाथ-पैर का रंग बदलना, मसल्स क्रैम्प होना, सिरदर्द और थकान हो सकती है.
जरूरत से ज्यादा पानी पीने के नुकसान भी
हर वक्त पानी पीने के बहुत नुकसान हो सकते हैं. इससे शरीर में सोडियम की कमी हो जाती है. सोडियम की कमी होने से दिमाग और फेफड़ों में सूजन आ जाती है. शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा होने से पोटेशियम, सोडियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ सकता है.