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केरल में मंकीपॉक्स के बाद अफ्रीकन स्वाइन फीवर की दस्तक ! घातक बीमारी पर काबू पाने के लिए मारे जाएंगे 300 सूअर

केरल में मंकीपॉक्स के खतरे के बाद अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever)ने भी दस्तक दे दी है. इसके बाद से ही यहां पर अलर्ट जारी कर दिया गया है और 300 सूअरों को मारा जाएगा.

मंकीपॉक्स के खतरे के बाद अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा मंकीपॉक्स के खतरे के बाद अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा
हाइलाइट्स
  • मंकीपॉक्स के खतरे के बाद अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा

केरल के वायनाड में दो खेतों से अफ्रीकी स्वाइन फीवर (African Swine Fever)की सूचना मिली. इसके कुछ घंटों बाद, जिला अधिकारियों ने शुक्रवार यानी आज कम से कम 300 सूअरों को मारने के लिए कदम उठाया. केरल के पशुपालन मंत्री जे चिंचू रानी ने राज्य में संक्रमण की पुष्टि की और सुअर फार्मों को स्वाइन फीवर एक्शन प्लान तैयार करने के लिए कहा गया. साथ ही वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए. 

केरल के वायनाड जिले के मनंतवाडी क्षेत्र में दो खेतों से अफ्रीकी स्वाइन बुखार की सूचना मिली है. भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में नमूनों की जांच के बाद दोनों खेतों के सूअरों में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी. 

सूअर की बिक्री पर भी रोक 

राज्य सरकार ने सूअर और सूअर के मांस से संबंधित उत्पादों की अंतर-राज्यीय बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध को आज बढ़ा दिया. सभी सुअर फार्मों में जैव सुरक्षा और वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम को सख्ती से लागू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. 

पशुपालन मंत्री ने फेसबुक पोस्ट में कहा, "सभी फार्मों पर सख्त देखभाल की जानी चाहिए और मौतों के किसी भी लक्षण के मामले में क्षेत्र के संबंधित पशु चिकित्सकों को जानकारी देने के लिए कहा गया है. इसके लिए तिरुवनंतपुरम में एक कंट्रोल रूम खोला गया है. 

क्या है अफ्रीकी स्वाइन फीवर ?

अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक अफ्रीकी स्वाइन फीवर  बहुत ही ज्यादा संक्रामक और घातक बीमारी है, जो फार्म में विकसित होने वाले और जंगली सुअरों दोनों को ही संक्रमित कर सकता है. 

कितना घातक है अफ्रीकी स्वाइन फीवर ?

अफ्रीकी स्वाइन फीवर में डेथ रेट 100 प्रतिशत हो सकती है. अफ्रीकी स्वाइन वायरस एक संक्रमित सुअर से दूसरे सुअरों के सीधे संपर्क में शारीरिक फ्ल्यूड के जरिए तेजी से फैल सकता है. यही कारण है कि केरल में तुरंत ही 300 सूअरों को मारने के आदेश किए गए. 

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