कोविड -19 का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. इस संक्रमण से अब हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) के बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं, एचएफएमडी के मामले छोटे स्कूल जाने वाले बच्चों में ज्यादा सामने आ रहे हैं. अब इसी बीमारी को देखते हुए देश की राजधानी के कुछ स्कूलों में एडवाइजरी जारी की गई है.
हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) के लक्षण
हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के लक्षणों में आमतौर पर बुखार, मुंह के छाले और हाथ, पैर, और मुंह पर चकत्ते या छाले होते हैं. इस बीमारी में बच्चे को हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों पर दाने हो सकते हैं.
दिल्ली के स्कूलों ने जारी की एडवाइजरी
“पिछले एक सप्ताह में जूनियर स्कूल के छात्रों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) के कुछ मामले सामने आए हैं. ये बीमारी 5 साल से कम उम्र के बच्चों पर ज्यादा असर करती है. लेकिन, एचएफएमडी से कभी-कभी बड़े बच्चे और वयस्क भी प्रभावित हो सकते हैं.
दिल्ली के स्कूल ने माता-पिता को ये सलाह दी है कि अपने बच्चों में एचएफएमडी के लक्षणों की जांच कराएं और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर क्लास टीचर को इसकी जानकारी दें. इसके अलावा, माता-पिता से कहा गया है कि वे बच्चों को तब तक स्कूल न भेजें जब तक कि चकत्ते पूरी तरह से ठीक न हो जाएं और बुखार कम से कम 24 घंटे में ठीक ना हो जाए.
द इंडियन स्कूल की प्रिंसिपल तानिया जोशी ने बताया कि हमने सभी बच्चों के माता-पिता से बच्चों में पाए जाने वाले सभी लक्षणों पर कड़ी नजर रखने को कहा है, हमने मां-बाप को ये भी सलाह दी है कि बीमारी का संदेह होने पर बच्चों को घर से बाहर ना जाने दें.
हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी)
एचएफएमडी कॉक्ससैकीवायरस ए16 और एंटरोवायरस 71 वायरस के एक समूह की वजह से पैदा होने वाली बीमारी है. हालांकि यह किसी भी उम्र को लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह पांच साल से कम उम्र के बच्चें इस बीमारी का शिकार ज्यादा हो रहे हैं.
हाथ, पैर और मुंह ( एचएफएमडी ) की बीमारी का कोई इलाज या टीका नहीं है. यह आमतौर पर 7 से 10 दिनों के बाद अपने आप चला जाता है.
इस बीमारी के फैलने की वजह
-लार
- नाक या फेफड़ों से निकलने वाला बलगम
-फफोले से निकलने वाला तरल पदार्थ
-खांसना या छींकना