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Covid जैसा नहीं है Mpox! Delhi AIIMS में मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल जारी, 24*7 रहेगी निगरानी

एम्स दिल्ली ने संदिग्ध मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है. दिल्ली एम्स में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए पांच बेड आरक्षित किए गए हैं. अगर किसी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं या संदिग्ध मरीज आता है तो उसे इन बेड्स पर शिफ्ट किया जाएगा.

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हाइलाइट्स
  • मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल

  • एमपॉक्स को लेकर भारत सरकार अलर्ट

WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि एमपॉक्स (Mpox) कोविड महामारी नहीं है. Mpox यानी मंकीपॉक्स को नियंत्रित करने का तरीका पता है. पिछले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलता था, लेकिन अब ये इंसानों से इंसानों में भी फैल रहा है.

WHO के रीजनल डायरेक्टर Hans Kluge ने कहा, नए क्लैड 1 स्ट्रेन पर फोकस करने से कम गंभीर क्लैड 2 वैरायटी के खिलाफ लड़ाई में भी मदद मिलेगी. यूरोपीय क्षेत्र में अब हर महीने क्लैड 2 एमपॉक्स स्ट्रेन के लगभग 100 नए मामले सामने आ रहे हैं. एमपॉक्स यौन संपर्क सहित निकट शारीरिक संपर्क के जरिए फैलता है, लेकिन एमपॉक्स का हवा के जरिए फैलने का फिलहाल कोई सबूत नहीं मिला है.

एम्स दिल्ली ने प्रोटोकॉल जारी किया
एमपॉक्स के खतरे को देखते हुए भारत सरकार अलर्ट हो गई है. साथ ही अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है. इस बीच एम्स दिल्ली ने संदिग्ध मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है. 

सम्बंधित ख़बरें

  • दिल्ली एम्स में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए पांच बेड आरक्षित किए गए हैं.

  • अगर किसी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं या संदिग्ध मरीज आता है तो उसे इन बेड्स पर शिफ्ट किया जाएगा.

  • मरीज के संक्रमण की पुष्टि के लिए जरूरी टेस्ट किए जाएंगे, जिसमें त्वचा के नमूने और अन्य लैब परीक्षण शामिल है.

  • संदिग्ध मरीजों के इलाज के वक्त डॉक्टरों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा. 

  • ऐसे मरीजों की हर जरूरी डिटेल जैसे घर का पता, मेडिकल हिस्ट्री और लक्षण सभी को फाइल में मेंटेन करना होगा.

  • एम्स के अलावा सफदरजंग अस्पताल में एमपॉक्स मरीजों के लिए डेडिकेटेड एंबुलेस भी तैयारी की गई है. 

क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो मवाद से भरे घावों और फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है, आमतौर पर हल्का होता है लेकिन कई मामलों में जानलेवा हो सकता है. एमपॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था. इस वायरस की पहचान वैज्ञानिकों ने पहली बार 1958 में की थी जब बंदरों में 'पॉक्स जैसी' बीमारी का प्रकोप हुआ था.

मंकीपॉक्स के लक्षण

  • सिरदर्द

  • बुखार

  • मांसपेशियों में दर्द

  • पीठ दर्द

  • थकावट

  • गले में सूजन

  • चकत्ते

  • ठंड लगना

मंकीपॉक्स उन वस्तुओं को छूने से भी फैल सकता है जिसका कि संक्रमित शख़्स ने इस्तेमाल किया हो. याद रखें सावधानी ही बचाव है. घरों में सफाई का विशेष ध्यान रखें. जरा से लक्षण दिखें तो तत्काल चिकित्सकों की सलाह लें.