घर में अगर किसी बच्चे को सांस से संबंधित कोई बिमारी हो जैसे अस्थमा, तो ज्यादातर लोग आराम के लिए नेबुलाइजर का इस्तेमाल करते हैं. पिछले कुछ सालों में नेबुलाइजर का उपयोग इतना बढ़ा है कि बच्चों को तेज खांसी-जुकाम होने पर भी राहत के लिए इसका प्रयोग होता है. लेकिन हाल ही में हुए, AIIMS दिल्ली के एक शोध में पाया गया है कि बिना डॉक्टर से कंसल्ट किए या गलत तरीके से नेबुलाइजर का प्रयोग खतरनाक हो सकता है.
हालांकि, इस शोध का उद्देश्य किसी को डराना नहीं बल्कि लोगों को जागरूक करना है. जी हां, एम्स दिल्ली में पीडियाट्रिक विभाग के अंशुला तायल और एस के काबरा ने अपनी स्टडी में पाया है कि घरों में इस्तेमाल होने वाले लगभग 70 फीसदी नेबुलाइजर में खतरनाक बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवी हैं.
साफ-सफाई के अभाव में संक्रमित होते हैं नेबुलाइजर
इंडियन पीडियाट्रिक्स जर्नल में छपी इस स्टडी में बताया गया है कि ज्यादातर लोग किसी दोस्त या रिश्तेदार के सुझाव पर नेबुलाइजर इस्तेमाल कर रहे हैं. जिस कारण उन्हें नेबुलाइजर की साफ-सफाई और रख-रखाव के बारे में जानकारी नहीं है. और डॉक्टर की सलाह पर इस्तेमाल करने वाले लोगों को भी साफ-सफाई के बारे में नहीं पता था. जिस कारण नेबुलाइजर मरीजों को राहत पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचा रहे हैं.
इस स्टडी में बताया गया है कि सिस्टिक फाइब्रोसिस बीमारी से पीड़ित मरीज के घरों में इस्तेमाल होने वाले 70.5 फीसदी नेबुलाइजर संक्रमित थे. इन नेबुलाइजर्स में से ज्यादातर में स्यूडोनॉमस बैक्टीरिया पाया गया और यह मरीजों में सांस की बीमारी से जुड़े लक्षणों के बढ़ने का कारण है.
इसी तरह, अस्थमा से पीड़ित बच्चों पर हुए एक अन्य अध्ययन में यह पता चला कि घरों में वे जिन नेबुलाइजर का इस्तेमाल कर रहे थे उनमें 78 फीसदी के फिल्टर गंदे और सूक्ष्मजीवियों से संक्रमित पाए गए. संक्रमित नेबुलाइजर बिमारी को कम करने की बजाय बढ़ा सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप किसी के लिए भी नेबुलाइजर इस्तेमाल करने से पहले जान लें कि कैसे इसे साफ करना है ताकि कोई संक्रमण न हो.
नेबुलाइजर को साफ रखना है जरूरी
नेबुलाइजर को आप सप्ताह में चाहें तो हर रोज साफ कर सकते हैं या फिर सिर्फ दो या तीन बार साफ करें. इसे साफ करने से पहले आप अपने हाथ अच्छे से धोएं. नेबुलाइजर को पर्सनलाइज रखें यानी कि एक नेबुलाइजर को एक ही शख्स इस्तेमाल करें. किसी और से इसे शेयर न करें.
नेबुलाइजर को साफ करते समय इसके सभी पार्ट्स- मास्क, ट्यूबिंग, कनेक्टिंग पीस और कंप्रेस्ड एयर मशीन आदि को अलग-अलग कर दें. इसके बाद मास्क, ट्यूब और कनेक्टिंग पीस को लिक्विड साबुन के घोल से साफ करके धूप में सुखा दें. आप पहले सभी पार्ट्स को 10 मिलट तक साबुन के पानी में रखें और फिर 30 सेकेंड के लिए बहते पानी में धो लें.
अस्थमा पीड़ित इस्तेमाल करें इन्हेलर
इसके अलावा एक रिपोर्ट के मुताबिक, अस्थमा के मामले में इन्हेलर इस्तेमाल करना ज्यादा सही है. बताया जाता है कि नेबुलाइजर दवा का 2 से 5 फीसदी ही अंदर तक जमा कर पाते हैं जबकि इन्हेलर 15 फीसदी तक दवा अंदर जमा करने में सक्षम हैं. हालांकि कुछ मामलों में नेबुलाइजर अच्छे रिजल्ट देता है. लेकिन हमेशा स्वच्छता का ध्यान रखें.