जीते जी दूसरों की मदद करना दूसरों की जान बचाना ये तो आपने बहुत सुना होगा, लेकिन मरने के बाद भी एक नहीं दो नहीं पांच-पांच लोगों की जान बचा लेना अपने आप में एक मिसाल है. कुछ ऐसा ही हुआ दिल्ली के एम्स अस्पताल में. दरअसल में अमरेश चंद नामक 36 वर्षीय युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई. उसके बाद अमरेश के परिवार वालों ने अमरेश का अंगदान करके पांच लोगों की जिंदगी को बचा लिया. अमरेश का फेफड़ा एक 50 वर्षीय महिला मरीज को ट्रांप्लांट किया गया. यह एम्स में पहली बार हुआ कि फेफड़ों को एम्स में ही निकाला गया और सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट भी किया गया.
पांच लोगों की बची जिंदगी
अमरेश के परिवार वाले शुरू में अंगदान करने से मना कर रहे थे लेकिन डॉक्टरों और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर की टीम की सलाह के बाद उनके परिवार वाले अंगदान करने के लिए राजी हो गए. 52 वर्षीय महिला मरीज को फेफड़ा तो अन्य मरीजों को दिल, लिवर और किडनी का दान किया गया. बता दें कि आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में एक मरीज को दिल दिया गया। तो वहीं ग्वालियर का एक मरीज जो पिछले साल कोरोना पॉजिटिव होने के कारण लीवर ट्रांसप्लांट नहीं करवा सका था तो उसे लीवर दिया गया.
ऑटो रिक्शा की चपेट में आने से हुई थी मौत
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी अमरेश चंद को दिल्ली के जैतपुर के पास 27 जुलाई को एक ऑटो रिक्शा ने टक्कर मार दी. टक्कर की वजह से उनके सिर में गंभीर चोटें आई. अमरेश को ट्रामा सेंटर ले जाया गया. जहां उनका ऑपरेशन किया गया. लेकिन 28 जुलाई को डॉक्टरों ने उनको ब्रेन डेड घोषित कर दिया. जिस महिला मरीज में अमरेश का फेफड़ा ट्रांसप्लांट किया गया वो आईसीयू में है और डॉक्टरों की निगरानी में है. डॉक्टरों के अनुसार महिला की हालत स्थिर है. अब महिला अमरेश के फेफड़े के सहारे सांस ले सकेंगी.