देश में दिवाली मनाने के बाद वायु प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या बना हुआ है. हाल ही में, स्विस एयर प्यूरीफायर कंपनी IQAir की वास्तविक समय रैंकिंग के अनुसार, तीन प्रमुख भारतीय महानगर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल किया गया है. 13 नवंबर को, दिल्ली ने 287 के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के साथ दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर का खिताब हासिल किया. मुंबई और कोलकाता ने भी क्रमशः 153 और 166 के एक्यूआई के साथ शीर्ष 10 में स्थान हासिल किया. IQAir का AQI, 109 देशों के डेटा से प्राप्त, अमेरिकी पद्धति का अनुसरण करता है, जो भारतीय मेट्रिक्स से थोड़ा अलग है.
AQI मान PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) का एक माप है जो विशेष रूप से श्वसन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. ये AQI स्तर पटाखों के उत्सर्जन के तत्काल प्रभाव को उजागर करते हैं. वाहनों और बायोमास जलाने जैसे निरंतर स्रोतों की तुलना में पटाखों के प्रदूषकों की क्षणिक प्रकृति के बावजूद, इनकी बढ़ोतरी श्वसन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है.
सुरक्षा सीमा से बढ़ा प्रदूषण
दिल्ली के कुछ हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित सुरक्षा सीमा से 30 गुना तक बढ़ गया, जिसका मुख्य कारण दिवाली के पटाखे थे. शहर में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद यह उछाल आया. 400 से 500 तक का AQI स्तर स्वस्थ व्यक्तियों और मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों दोनों के लिए रिस्की हो सकता है, जबकि 150 और 200 के बीच का स्तर श्वसन समस्याओं वाले लोगों के लिए असुविधा लाता हैय दूसरी ओर, 0 से 50 के स्तर को आदर्श माना जाता है.
ऐसे में, जानिए वायु प्रदूषण से बचने के कुछ टिप्स:
1. प्रदूषण बढ़ने के दौरान बाहरी गतिविधियों, विशेषकर सुबह की सैर से बचें.
2. प्रदूषण के ऊंचे स्तर के दौरान बाहर निकलते समय N95 या N99 मास्क का उपयोग करें.
3. उच्च प्रदूषण स्तर के लिए जाने जाने वाले व्यस्त मार्गों और सड़कों से दूर रहें।
4. घर के अंदर प्रदूषक तत्वों के संपर्क को कम करने के लिए एग्जॉस्ट हुड और पंखे का उपयोग करके घर में उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें.
5. अतिरिक्त इनडोर वायु प्रदूषण को रोकने के लिए घर के अंदर धूम्रपान करना प्रतिबंधित करें.
6. वायु की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए घर के अंदर वायु-शुद्ध करने वाले पौधे जैसे एलोवेरा, आइवी और स्पाइडर प्लांट लगाएं.
7. सामान को नियमित रूप से साफ करें और धूल हटाने के लिए वैक्यूम का उपयोग करें, जिससे इनडोर प्रदूषण कम हो.
8. एयर फिल्टर या प्यूरिफायर पर विचार करें, विशेष रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए, जैसे कि बच्चे, गर्भवती महिलाएं, या पहले से लंग्स की प्रॉब्लम वाले लोगों के लिए.
9. बैलेंस्ड डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड प्रोडक्ट्स के साथ स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं. विटामिन सी, मैग्नीशियम से भरपूर फल और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर फूड प्रो़क्ट्स खाएं. अदरक और तुलसी की चाय का भी सेवन किया जा सकता है.
10. शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करने के लिए हाइड्रेटेड रहें, रेस्पिरेटरी और समग्र स्वास्थ्य में मदद करें.
11. अगर वायु प्रदूषण से संबंधित लगातार स्वास्थ्य समस्याएं बनी रहती हैं, खासकर सांस संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें.
जैसे-जैसे भारत वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे से जूझ रहा है, सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत जागरूकता और सक्रिय उपाय जरूरी हो गए हैं.