अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है, लेकिन किसी भी चीज़ को अगर ज्यादा किया जाए तो उसके नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई ज्यादा सोता है तो यह भी खतरनाक है. इससे भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, अगर आपको ज्यादा नींद आ रही है तो ये भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है. विशेषज्ञ अधिक सोने की इच्छा को एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़कर देखते हैं.
ज्यादा सोने से हो सकती है परेशानी
किसके लिए कितने घंटे की नींद फायदेमंद है ये आपकी उम्र पर निर्भर करता है. एक छोटे बच्चे के लिए जितनी नींद जरूरी होती जरूरी नहीं है कि किसी बड़े के लिए भी उतने ही घंटे की नींद लेनी हो. आपके लिए आवश्यक नींद की मात्रा पूरे जीवन में अलग-अलग हो सकती है. यह आपकी उम्र और गतिविधि के स्तर के साथ-साथ आपकी हेल्थ और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है. जो लोग रात में नौ घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें हृदय रोग, शुगर और मोटापे की समस्या हो सकती है.
क्या होता है अगर हम बहुत ज्यादा सोते हैं?
1. पीठ दर्द: अगर आप लंबे समय तक सोते हैं, तो आप पीठ दर्द का शिकार हो सकते हैं. खराब गुणवत्ता वाले गद्दे पर लंबे समय तक आराम करने से आपकी मांसपेशियों में थकान हो सकती है, और जब इसे खराब नींद की स्थिति के साथ जोड़ा जाता है तो यह वास्तव में बदतर हो सकता है.
2. डिप्रेशन: हालांकि नींद न आने को अक्सर डिप्रेशन से जोड़ा जाता है लेकिन ज्यादा सोने को भी इसी बीमारी से जोड़कर देखा जाता है. डिप्रेशन से पीड़ित लगभग 15% लोग ज्यादा सोते हैं. इससे उनका डिप्रेशन बढ़ सकता है.
3.डायबिटीज: क्योंकि हम दिन में थके हुए होते हैं और हेल्दी खाने की जगह जंक फ़ूड खाना पसंद करते हैं. इसे नुकसान ये होता है कि आपके शरीर में एक्स्ट्रा कैलोरी चली जाती हैं और ये आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने का काम करता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपनी स्लीप साइकिल अच्छी रखें.
4. सिर दर्द: ज्यादा सोने से भी सिरदर्द हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अत्यधिक नींद सेरोटोनिन के स्तर को कम कर सकती है. सेरोटोनिन मूड और नींद का ख्याल रखता है. माइग्रेन या सिरदर्द तब हो सकता है जब सेरोटोनिन का स्तर संतुलन से बाहर हो.
5. थकावट: कई अध्ययनों में दिखाया गया है कि अधिक नींद लेने से आपको थकान महसूस होती है. एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग रात में नौ घंटे से अधिक सोते थे, उन्हें जागने में कठिनाई होती है. वे दिन के दौरान भी थके हुए और सुस्त थे.