अल्जाइमर की दवा को लेकर दुनियाभर में रिसर्च चल रही है. अब इसी कड़ी में एक ऐसे ड्रग पर स्टडी चल रही है जो इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है. अब उम्मीद लगाई जा रही है कि डोनानेमाब (Donanemab) नाम की ये दवा एक दिन डेमेंशिया के सबसे सामान्य रूप को रोक सकती है. ये दवा काफी असरदार हो सकती है.
क्या है ये नई दवा?
डोनानेमब (Donanemab) अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी एली लिली (Eli Lilly) की एक एंटीबॉडी थेरेपी है. यह बीटा-एमिलॉइड नामक प्रोटीन जो हमारे ब्रेन में बनते हैं उसके असामान्य क्लंप्स को टारगेट करती है. प्लाक को अल्जाइमर का ही एक लक्षण माना जाता है. ये ड्रग असामान्य अमाइलॉइड से जुड़कर और इसे मस्तिष्क से हटाने का काम करती है.
यह मरीजों की कैसे मदद करता है?
सोमवार को जारी एक क्लिनिकल ट्रायल के आंकड़ों के अनुसार, दवा तेजी से काम करती है और हमारे दिमाग से लगभग 90% अमाइलॉइड प्लाक को साफ कर सकती है. इस प्रोटीन को हटाने से ब्रेन को होने वाला नुकसान कम हो जाता है. और ये बीमारी थोड़ा कम प्रभावित करती है.
दवा कितनी असरदार है?
हालांकि, ये भी कहा गया है कि डोनानेमब अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है. दवा लेने वाले मरीजों में सुधार नहीं हुआ, और ट्रीटमेंट ने उनकी हालत को बहुत अच्छा नहीं किया है. लेकिन उनमें प्लेसबो वाले मरीजों वे ज्यादा सुधार हुआ है. दशकों के असफल टेस्ट के बाद - और रिसर्च में अरबों डॉलर के निवेश के बाद - इस बात का प्रमाण कि दवाएं बीमारी के पूरे करके को बदल सकती हैं. इसलिए इसे एक महत्वपूर्ण जीत माना जा रहा है. गौरतलब है कि औसतन, दवा ने 18 महीने के ट्रायल के दौरान लगभग चार से सात महीने तक बीमारी की प्रगति को 20-30% तक धीमा कर दिया.
दवा कैसे दी जाती है?
डोनानेमब को हर चार सप्ताह में एक बार इंट्रावेनस इंफ्यूजन के रूप में दिया जाता है. दिमाग में में सूजन और ब्लीडिंग सहित संभावित दुष्प्रभावों की निगरानी के लिए मरीजों को नियमित ब्रेन स्कैन कराने की जरूरत होती है. ये अधिकतर अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन दुर्लभ मामलों में ये खतरनाक हो सकते हैं.
किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?
इस दवा से उन लोगों को ज्यादा फायदा हुआ है जो बीमारी के शुरुआती चरण में थे और विशेष रूप से उनके ब्रेन में तौ (tau) नाम के एक जेहरीले प्रोटीन का लेवल कम था. अमाइलॉइड प्रोटीन ब्रेन सेल्स के बीच बनता है, लेकिन जब प्लाक एक निश्चित स्तर तक पहुंच जाता है तो यह न्यूरॉन्स के अंदर तौ टेंगल्स के बनने में सहायता करता है, जिससे हमारे दिमाग को और नुकसान पहुचंता है. परीक्षण के नतीजे बताते हैं कि तौ फैलने से पहले अमाइलॉइड को हटाना जरूरी है.