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मेडिकल उपकरण बेचने के नियमों में संशोधन, अब थर्मामीटर, कंडोम सहित इन चीजों को बेचने से पहले कराना होगा रजिस्ट्रेशन

Amended medical devices rules: केंद्र की मोदी सरकार ने मेडिकल उपकरणों को बेचने के नियमों में संशोधन किया है. नए नियम के तहत दुकानदारों को अब कंडोम, फेस मास्क बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. जानिए क्या कहता है नया नियम और किस पर होगा लागू..

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थर्मामीटर, कंडोम, फेस मास्क, चश्मा या कोई अन्य चिकित्सा उपकरण बेचने वाले सभी स्टोर मालिकों को अब रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने चिकित्सा से संबंधित उपकरण के नियमों में संशोधन किया है. इसके तहत मेडिकल उपकरण बेचने वाले दुकानदारों को राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के साथ पंजीकृत होना होगा.

कर्मचारियों के प्रोफेशनल डिग्री के बारे में देनी होगी जानकारी

नए नियमों के तहत लाइसेंस लेने वालों को यह दिखाना होगा कि उनके पास उचित भंडारण के लिए पर्याप्त जगह है, उनके पास मेडिकल उपकरण रखने के लिए जरूरी टेम्परेचर और लाइट की व्यवस्था सही है. साथ ही स्टोर्स मालिकों को उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों के प्रोफेशनल डिग्री के बारे में भी जानकारी देनी होगी. जैसे कि स्टोर्स में काम करने वाला कर्मचारी स्नातक है, या एक पंजीकृत फार्मासिस्ट है, या चिकित्सा उपकरणों को बेचने का कम से कम एक वर्ष का अनुभव है.

एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री के फोरम कोऑर्डिनेटर राजीव नाथ ने कहा कि, 'यह देखना अच्छा है कि अधिसूचना में हमारी अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है. यह अच्छा है कि अधिसूचना में कहा गया है कि जिन लोगों के पास चिकित्सा उपकरण बेचने का अनुभव है, वे ऐसा करना जारी रख सकते हैं'.

मौजूदा थोक विक्रेताओं के लिए पंजीकरण आवश्यक नहीं

इसके साथ उन्होंने कहा कि एक फुलप्रूफ रिकॉर्ड-कीपिंग मेथड को तैयार करने की आवश्यकता हो सकती है. इस तरह का रिकॉर्ड रखना निश्चित रूप से अच्छा है, लेकिन हम एक किराने की दुकान के मालिक या पान वाले को रिकॉर्ड रखते हुए मास्क और कंडोम बेचने वाले को कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि पंजीकरण, जब तक कि राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा निलंबित या रद्द नहीं किया जाता है, तब तक 'स्थायी रूप से' वैध होगा, जब तक कि हर पांच साल में 3,000 रुपये की प्रतिधारण शुल्क का भुगतान किया जाता है. हालांकि, मौजूदा मेडिकल स्टोर, स्टॉकिस्ट और थोक विक्रेताओं के लिए पंजीकरण आवश्यक नहीं है.

नए नियमों के तहत किसे लाइसेंस लेना होगा जरूरी?

बता दें कि 'सभी मेडिकल स्टोरों के पास पहले से ही मौजूदा अधिनियम के तहत फॉर्म 20, 21, 20बी या 21बी के तहत लाइसेंस है. ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा, नए नियमों के तहत उन्हें फिर से पंजीकृत होने की आवश्यकता नहीं है.

सिंघल ने कहा कि चश्मे जैसे सुरक्षित चिकित्सा उपकरण बेचने वाले गैर-चिकित्सा स्टोरों के अलावा, एक्स-रे मशीन जैसे चिकित्सा उपकरणों के बड़े वितरकों को भी नए नियमों के तहत पंजीकृत करने की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा, 'अभी तक इन बड़े वितरकों के पंजीकरण के लिए कोई नियम नहीं था'.