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Chikungunya Vaccine: चिकनगुनिया से अब नहीं होगी किसी की मौत! आ गई दुनिया की पहली वैक्सीन, अमेरिका के FDI ने दी टीके को मंजूरी

Chikungunya Vaccine Approved By US: FDA ने Ixchiq वैक्सीन को मंजूरी देने की पुष्टि करते हुए कहा कि वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जा सकती है. वैक्सीन की एकल खुराक को इंजेक्शन के माध्यम से मांसपेशियों में दिया जा सकता है.

चिकनगुनिया वायरस संक्रमित मच्छर के काटने से इंसान में फैलता है चिकनगुनिया वायरस संक्रमित मच्छर के काटने से इंसान में फैलता है
हाइलाइट्स
  • Ixchiq वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लिए अप्रूव

  • फ्रांसीसी बायोटेक कंपनी वेलनेवा ने तैयार किया टीका

दुनिया में अब कहीं भी चिकनगुनिया से किसी की मौत नहीं होगी! जी हां, चिकनगुनिया से बचाव के लिए पहली वैक्सीन को अमेरिका ने मंजूरी दे दी है. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने चिकनगुनिया वैक्सीन को मंजूरी दे दी है, जिसे वह 'उभरते वैश्विक स्वास्थ्य खतरे' के रूप में देखता है. 

इक्स्चिक रखा गया है वैक्सीन का नाम 
बता दें कि चिकनगुनिया के इलाज के लिए अभी कोई दवा नहीं है. FDA ने कहा कि यूरोप के वेलनेवा कंपनी ने वैक्सीन को तैयार किया है. इस वैक्सीन का नाम इक्स्चिक रखा गया है. इसे 18 साल और उससे अधिक उम्र वालों को दिया जाएगा. अमेरिकी दवा रेगुलारिटी की तरफ से  Ixchiq को हरी झंडी मिलने से उन देशों में वैक्सीन के रोलआउट में तेजी आने की उम्मीद है जहां वायरस का ज्यादा खतरा है. 

3,500 लोगों पर क्लिनिकल टेस्ट
इक्स्चिक वैक्सीन को एक खुराक में इंजेक्ट किया जाता है. इसमें चिकनगुनिया वायरस का एक जीवित और कमजोर वेरिएंट मौजूद होता है. ये ठीक अन्य वैक्सीन के स्टैंडर्ड को मैच करता है. आपको बता दें कि उत्तरी अमेरिका में 3,500 लोगों पर दो क्लिनिकल टेस्ट किए गए. इस वैक्सीन की वजह से लोगों में सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, बुखार कम हो गया. टेस्ट में Ixchiq वैक्सीन लेने वालों में से 1.6 फीसदी में गंभीर प्रतिक्रिया दर्ज की गई, जिनमें से दो को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी.

नए भौगोलिक क्षेत्रों में फैल गया है चिकनगुनिया वायरस 
अमेरिकी दवा रेगुलारिटी (FDA) ने कहा कि चिकनगुनिया वायरस नए भौगोलिक क्षेत्रों में फैल गया है, जिससे बीमारी के ग्लोबल लेवल पर फैल गया है. पिछले 15 सालों में चिकनगुनिया के 50 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं. यूरोपीय रोग निवारण और नियंत्रण केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि ब्राजील में इस साल अब तक सबसे अधिक 2,18,613 मामले सामने आए हैं. भारत में भी 93,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जहां 2016 में राजधानी दिल्ली में बड़ा प्रकोप देखा गया था.

नवजात शिशुओं के लिए घातक है चिकनगुनिया वायरस
एफडीए के सेंटर फार बायोलॉजिक्स इवेल्यूशन एंड रिसर्च के निदेशक पीटर मा‌र्क्स ने कहा कि चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण से गंभीर बीमारी और लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. ये खासकर वृद्ध वयस्कों और गंभीर मेडिकल ट्रीटमेंट वाले व्यक्तियों के लिए खतरनाक हो सकती है.  चिकनगुनिया वायरस नवजात शिशुओं के लिए भी घातक है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की मंजूरी चिकित्सा आवश्यकता के मद्देनजर दी गई है. ये सीमित उपचार विकल्पों के साथ संभावित रूप से गंभीर बीमारी को रोकने में कारगर साबित होगा.

चिकनगुनिया वायरस कैसे फैलता है
चिकनगुनिया वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छर के काटने से इंसान में फैलता है. इन मच्छरों को ऐडीस इजिप्ती और एडीस एल्बोपिक्टस नाम से पहचानते हैं. इन दोनों  प्रजातियों की मादा मच्छरों के काटने से चिकनगुनिया वायरस फैलता है. पिछले 15 वर्षों में 50 लाख मरीजों में चिकनगुनिया की पुष्टि होने के बाद यह बीमारी आज वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गई है. 

चिकनगुनिया के लक्षण
वायरल संक्रमण चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर पर 10 से 12 दिनों तक रहते हैं. इस बीमारी में तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थकान, कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी, जी मिचलाना, चकत्ते और दाने की समस्याएं और लक्षण देखे जाते हैं. यह एक प्रकार की वायरल संक्रामक बीमारी है. मतलब ये कि चिकनगुनिया मच्छरों से मनुष्यों में फैलती है. इस बीमारी के लक्षण डेंगू से काफी मिलते-जुलते हैं. एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के देशों में चिकनगुनिया के काफी मामले आते हैं. साल 1952 में पहली बार ये बीमारी पूर्वी अफ्रीका में पाई गई थी.