एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका सोमवार को गर्भवती महिलाओं के लिए एक टीके को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है. यह बच्चों में रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के कारण होने वाली गंभीर बीमारी को रोकता है. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एक बयान में कहा कि फाइजर शॉट, जिसे पहले से ही बड़े लोगों के लिए उपयोग किया जाता था, अब शिशुओं को जन्म से छह महीने तक बचाने के लिए गर्भावस्था के 32 से 36 सप्ताह में उपयोग के लिए हरी झंडी दे दी गई है.
यह शॉट दूसरा RSV टीका बन गया है. मई में, एफडीए ने 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में आरएसवी को रोकने के लिए एब्रिस्वो वैक्सीन को मंजूरी दी थी. वही टीका अब तीसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं के लिए भी स्वीकृत कर दिया गया है. जुलाई में, एजेंसी ने निर्सेविमैब (nirsevimab)को मंजूरी दी थी जोकि एक एंटीबॉडी-बेस्ड इंजेक्शन है जो जन्म के तुरंत बाद शिशुओं को आरएसवी (Respiratory Syncytial Virus)से बचाता है.
कितने लोगों पर किया गया परीक्षण?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीके को फाइजर ने बनाया है. डॉक्टर्स के अनुसार, गर्भावस्था के अंत में माताओं को यह वैक्सीन दी जाएगी. इसके लिए 7000 से अधिक गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों पर वैक्सीन का परीक्षण किया गया. एब्रीस्वो टीके के कारण, शिशुओं के अस्पताल में भर्ती या उनकी देखभाल की आवश्यकता कम हो गई. आरसीवी के कारण शिशु और बुजुर्ग हर साल अस्पताल में भर्ती होते थे. सर्दियों में लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं. पिछले साल सबसे अधिक बच्चे इससे प्रभावित हुए थे. फाइजर का कहना है कि अगर यूनिवर्सल रूप से टीका लगाया जाए तो आरएसवी के कारण 16,000 शिशु अस्पताल में भर्ती होने से और 3,00,000 शिशुओं को डॉक्टरों के पास जाने से रोका जा सकता है.
आरएसवी क्या है?
आरएसवी का मतलब रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस है. यह सांस संबंधी वायरस है जो आमतौर पर बुखार, बहती नाक, खांसी, भूख में कमी और घरघराहट जैसे लक्षणों के साथ हल्की सर्दी का कारण बनता है. वयस्क आरएसवी से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं. हालांकि, छोटे शिशुओं में आरएसवी निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस जैसी अधिक गंभीर सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है.