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Anaemia Mukt Bharat: प्रेग्नेंट महिलाओं में इस एक दवा से दूर होगा सकता है एनीमिया, AIIMS दिल्ली ने ढूंढा इलाज

भारत में 15 से 49 साल की उम्र की 52.2% गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. स्वदेशी एफसीएम इंजेक्शन के आ जाने से महिलाओं को एनीमिया का एक किफायती इलाज मिल सकेगा. इस स्वदेशी इंजेक्शन की कीमत कुल 300 रुपये है. 

Anaemia (Photo: Getty Images) Anaemia (Photo: Getty Images)
हाइलाइट्स
  • वैश्विक समस्या का स्वदेशी समाधान

  • पिछली चुनौतियों पर काबू पाना

प्रेग्नेंट महिलाओं को अक्सर एनीमिया की समस्या झेलनी पड़ती है.   लेकिन एक दवा से इसे ठीक किया जा रहा है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने इस दवा का पता लगाया है. दुनिया भर में कैंसर और क्रोनिक किडनी रोग के रोगियों में आयरन की कमी का इलाज करने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला इंजेक्शन इसके लिए इस्तेमाल हो सकता है. फेरिक कार्बोक्सिमाल्टोज (एफसीएम) नाम का इंजेक्शन एनीमिया में न केवल प्रभावी है, बल्कि सुरक्षित भी है. 

मध्यम से गंभीर एनीमिया वाली गर्भवती महिलाओं के लिए ये इंजेक्शन उपयोग में लाया जा सकता है. इससे गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है. 

वैश्विक समस्या का स्वदेशी समाधान

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एम्स में किए गए इस शोध से फेरिक कार्बोक्सिमाल्टोज के एक "स्वदेशी" मॉलिक्यूल बनाया गया है. पिछले दो साल से संस्थान में इसपर एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है. इसकी क्षमता को पहचानते हुए, मॉलिक्यूल को आधिकारिक तौर पर फरवरी 2024 में केंद्र के एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में शामिल किया गया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर में गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी से निपटना है.

ट्रीटमेंट है कारगर 

एम्स में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के प्रोफेसर कपिल यादव ने इंडियन एक्सप्रेस को इस नए एफसीएम मॉलिक्यूल के बारे में बताया. उन्होंने गंभीर एनीमिया वाले रोगियों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के विकल्प के रूप में इसकी क्षमता के बारे में बताया. लगभग 3-5% गर्भवती महिलाओं को गंभीर एनीमिया से जूझना पड़ता है. ऐसे में ये इजेक्शन कहीं न कहीं उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 

एनीमिया की गंभीरता को समझना

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, खून में हीमोग्लोबिन कितना है इसके लेवल के हिसाब से एनीमिया की गंभीरता को मापा जाता है. 10.0-10.9 g/dL के बीच एचबी वाली गर्भवती महिलाओं को हल्के एनीमिया की श्रेणी में रखा जाता है, जबकि 7.0 और 9.9 g/dL के बीच का स्तर मध्यम एनीमिया का संकेत देता है. गंभीर एनीमिया में 7.0 ग्राम/डीएल से नीचे एचबी होता है. आयरन की कमी एनीमिया को और बढ़ा देती है. ऐसे में महिलाओं को आयरन लेने की सलाह दी जाती है. 

पिछली चुनौतियों पर काबू पाना

पहले, गंभीर एनीमिया वाले रोगियों को 5-6 इंजेक्शन लगाने पड़ते थे, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर एनाफिलेक्सिस जैसे साइड इफेक्ट्स होते थे. इससे एकदम से एलर्जिक रिएक्शन होता था. हालांकि, एम्स ने जो स्वदेशी आयरन इंजेक्शन बनाया है वो इन सभी दुष्प्रभावों से मुक्त है. 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के आंकड़े बताते हैं कि भारत में 15 से 49 साल की उम्र की 52.2% गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं.

स्वदेशी एफसीएम इंजेक्शन के आ जाने से महिलाओं को एनीमिया का एक किफायती इलाज मिल सकेगा. पहले बेल्जियम और स्वीडन से 3,000-5,000 रुपये प्रति इंजेक्शन की कीमत पर इसे आयात किया जाता था. लेकिन इस स्वदेशी इंजेक्शन की कीमत कुल 300 रुपये है.