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Inspirational: पिता से मिली प्रेरणा, गरीब और जरूरतमंदों का मुफ्त में इलाज करता है यह डॉक्टर

डॉ. प्रवीण के पिता ने गरीबों के मुफ्त इलाज की परंपरा शुरू की थी और आज वह इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए लोगों का इलाज कर रहे हैं. साथ ही, फ्री हेल्थ अवेयरनेस कैंप भी लगवाते हैं.

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आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनूर के युवा डॉक्टर, डॉ. नेपेरला प्रवीण निस्वार्थ समर्पण और दृढ़ता के साथ समाज सेवा कर रहे हैं. डॉक्टर होन के साथ-साथ प्रवीण एक प्रसिद्ध लेखक, कवि, तेलुगु साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् भी हैं. 

अपने पिता, डॉ आनंद राव के नक्शेकदम पर चलते हुए प्रवीण ने भी समाज सेवा का मार्ग चुना है. डॉ आनंद रिटायर्ट गायनोकोलॉजिलट हैं जिन्होंने अपना करियर गरीबों का इलाज करने के लिए समर्पित कर दिया. वह अक्सर मुफ्त में लोगों का इलाज करते थे. डॉ प्रवीण ने भी बचपन से ही यह सब देखा और अब उसी राह पर चल रहे हैं. 

पिता हैं सबसे बड़ी प्रेरणा 
डॉ. प्रवीण ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उनके पिता उनकी सबसे बड़ा प्रेरमा रहे हैं. अपने पिता की प्रतिबद्धता को देखकर उन्हें जिंदगी में लोगों के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली. जिस तरह से उनके पिता अपने मरीजों के साथ जुड़े हुए थे, उसे देखकर उन्हें लगा कि सिर्फ दवाएं बीमारियों का इलाज नहीं करती हैं बल्कि आपकी केयर और व्यवहार भी अहम होता है. 

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1994 में, उनके माता-पिता ने रूरल हेल्थ एजुकेशनल सोसाइटी की स्थापना की, जो हेल्थ केयर और सामुदायिक शिक्षा पर केंद्रित एक नॉन-प्रॉफिट संगठन था. डॉ. प्रवीण मात्र 13 वर्ष के थे जब उन्होंने इस NGO के साथ वॉलंटियरिंग करना शुरू किया. यहीं से उनके सामाजिक कार्यों का सफर शुरू हुआ. 

35 वर्षीय डॉक्टर प्रवीण ने सैकड़ों फ्री हेल्थ अवेयरनेस कैंप आयोजित किए हैं, हेल्थ किट बांटे हैं और जो मरीज उनके पास नहीं आ सकते, वह उनका घर जाकर इलाज करते हैं. साल 2008 में, डॉ. प्रवीण ने विभिन्न पर्यावरण संरक्षण पहल शुरू की, यह मानते हुए कि सामुदायिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संतुलन आपस में जुड़े हुए हैं. उनकी मां ने उन्हें सिखाया कि प्रकृति हमारी जीवनरेखा है और हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए. 

साहित्य के जरिए फैलाते हैं जागरूकता
साहित्य और कविता के प्रति उनका जुनून एक और तरीका है जिसके जरिए वह लोगों को स्वास्थ्य, प्रकृति और मानवता के बारे में जागरूक करते हैं. डॉ. प्रवीण युवाओं को प्रेरित करते हैं और उन्हें समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. उनका मिशन लोगों को यह समझाना है कि हर किसी का छोटे से छोटा अच्छा कदम भी बदलाव ला सकता है.