दुनियाभर में 1 अरब से ज्यादा लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं. खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण शरीर का वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है. इसके अलावा ज्योतीषीय कारण की वजह से भी मोटापा बढ़ता है. अगर समय रहते इस पर कंट्रोल नहीं किया तो शरीर कई गंभीर बीमारियों से घिर जाता है. जैसे थायराइड, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज. आज हम आपको मोटापे की समस्या के पीछे ज्योतीषीय कारण बताएंगे और इस समस्या को दूर कैसे किया जाए यह भी बताएंगे.
क्यों बढ़ता है मोटापा ?
मुख्य रूप से बृहस्पति ही मोटापे का कारण होता है. बृहस्पति के कारण शरीर में वसा इकट्ठा हो जाता है. कभी कभी चंद्रमा और शुक्र भी इसमें भूमिका निभा देते हैं. मंगल, शनि और राहु शरीर को दुबला बनाए रखते हैं. अलग अलग दशाओं में भी मोटापा घटता बढ़ता रहता है.
बच्चे में मोटापा आए तो क्या करें ?
चन्द्रमा के मजबूत होने पर बच्चा जन्म से गोल मटोल हो जाता है. हालांकि ज्यादातर मामलों में बाद में ऐसे बच्चे दुबले हो जाते हैं. ऐसी दशा में बच्चे को सप्ताह में कम से कम दो बार पंचामृत पिलायें. बच्चे को तांबे के पात्र का जल पिलाएं.
युवा अवस्था में मोटापे का कारण और उपाय
अगर युवा होने के साथ साथ मोटापा बढ़ रहा हो तो इसके पीछे राहु और बृहस्पति होते हैं. बृहस्पति के कारण भोजन के पीछे लालच बढ़ता है. और राहु के कारण व्यक्ति अंट शंट खाता रहता है. इस कारण से तेजी से मोटापा बढ़ने लगता है. अगर उपायों की बात करें तो नियमित रूप से नींबू पानी का सेवन करें. सूर्यास्त के बाद भारी खाना न खाएं. पालथी मारकर बैठें और हाथों से खाना खाएं. एक ओनेक्स जरूर धारण करें.
विवाह के बाद वजन बढ़े तो क्या करें ?
अगर विवाह के बाद से मोटापा बढ़ने लगा हो तो इसके पीछे चन्द्र, शुक्र और बृहस्पति की भूमिका होती है. खानपान और रसायनों में बदलाव के कारण व्यक्ति मोटा हो जाता है. यह मोटापा आसानी से नहीं जाता. कर्क, वृश्चिक, मीन, वृषभ, कन्या और मकर राशि वालों के साथ ऐसा ज्यादा होता है. इससे छुटकारा पाने के लिए विवाह के बाद हीरा और पुखराज सोच समझकर धारण करें. नित्य प्रातः सूर्य को रोली मिलाकर जल अर्पित करें. कमर में रेशम का एक लाल धागा नाभि के ऊपर बांधें. पति पत्नी सोते समय अपना सर पूर्व दिशा में रखें.
अगर संतान होने के बाद मोटापा बढ़ने लगा हो तो आम तौर पर इसमें बृहस्पति और चन्द्र की भूमिका होती है. मेष, कर्क, तुला, मकर, वृष और वृश्चिक राशि में यह ज्यादा होता है. इसके लिए उपाय ये है कि ताम्बे के पात्र से जल ग्रहण करें. दिन में दाल का पानी और दही जरूर ग्रहण करें. भोजन के बाद गुड खाएं. एक मैलाकाइट नामक रत्न धारण करें.