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घड़ी-घड़ी अपनी नींद को कर रहे हैं ट्रैक... आप भी हो सकते हैं Orthosomnia का शिकार, ये हैं लक्षण

अब तक नींद की बीमारी का मतलब था कि रात में अच्छी नींद नहीं आती थी, लेकिन अब नींद को लेकर एक नई परेशानी आ गई है. इसमें लोग परफेक्ट नींद लेने को लेकर जुनूनी हो जाते हैं. इसे ऑर्थो सोमनिया कहते हैं.

Orthosomnia Orthosomnia

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर बीमारियों का कारण हमारा खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खान-पान है. इसे हम काफी हद तक हेल्दी लाइफस्टाइल अपना कर ठीक कर सकते हैं. लेकिन आज कल हम अपनी हेल्थ को लेकर ज्यादा ही कॉन्शियस हैं और यही हमें एक्स्ट्रा केयरिंग और ओवर प्रोटेक्टिव बना रहा है. वैसे इसमें बुराई क्या है? पर कहते हैं न अति सर्वत्र वर्जयेत्. यही अति देखी जा रही है ऑर्थो सोमनिया में. ऑर्थो सोमनिया एक नींद से जुड़ी बीमारी है, जिसमें लोग नींद को लेकर ऑवर कॉन्शियस हो जाते हैं. ऑर्थो सोमनिया पर एक रिसर्च में पाया गया कि ये बीमारी एक तरह से परफेक्ट नींद लेने के चक्कर में नींद न आने की परेशानी को दिखा रहा है.

आखिर क्या है ऑर्थो सोमनिया (Orthosomnia)
अब तक नींद की बीमारी का मतलब था कि रात में अच्छी नींद नहीं आती थी, लेकिन अब नींद को लेकर एक नई परेशानी आ गई है. इसमें लोग परफेक्ट नींद लेने को लेकर जुनूनी हो जाते हैं. इसे ऑर्थो सोमनिया कहते हैं. ऑर्थो का मतलब होता है सीधा या करेक्ट, वहीं सोमनिया का मतलब है नींद. यह बीमारी उन लोगों में ज्यादा होती है, जो फिटनेस ट्रैकर की मदद से अपनी नींद को ट्रैक करने की कोशिश करते हैं.

 2020 में एक रिसर्च में पाया गया कि जहां दुनिया भर में नींद से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो नींद को अपने कंट्रोल में रखकर उसे परफेक्ट बनाने की कोशिश में हैं. इसके लिए वो हद से ज्यादा कॉन्शियस रहते हैं. अच्छी नींद के लिए डाइट से लेकर अन्य तमाम तरह की चीजों को इस्तेमाल करते हैं. ऐसे लोग नींद को परफेक्ट बनाने के लिए तरह-तरह के डिवाइसों का सहारा लेते हैं. जैसे:

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-नींद पैर्टन चैक करने के लिए स्लीप ट्रैकिंग डिवाइस.

-नींद को ट्रैक करने के लिए उपकरण .

-फिटनेस ट्रैकर और स्मार्टवॉच.

-माइक्रोफोन और एक्सेलेरोमीटर जैसी स्मार्टफ़ोन तकनीक. 

-स्लीप ऐप. 

-इसके अलवा कई अन्य एप्स और डिवाइस.

ऑर्थोसोमनिया का मुख्य कारण क्या है
अब इसका उल्टा हो रहा है. ऐसे लोग नींद को ट्रैक करने के चक्कर में अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं. इन लोगों की नींद हल्की और बेचैन वाली होती है. ये लोग बार-बार सोने के दौरान उठकर अपने नींद पैटर्न को चैक करते रहते हैं. इस तरह से ये लोग अपनी नींद को सही करने के चक्कर में अच्छी नींद ही गवां बैठते हैं.ऑर्थोसोमनिया का कारण है नींद को लेकर आपका ऑवर कॉन्शियस होता दिमाग. इसके अलावा स्लीप पैटर्न को चेक करने वाले डिवाइस और बायोमेट्रिक डेटा, ये आपकी अच्छी नींद को और भी खराब कर देता है. ये आपको बताने लगते हैं कि आपकी नींद कैसी है और कैसी नहीं.  इस पर ध्यान देने के चक्कर में आपका नींद रफूचक्कर हो जाता है. 

ऑर्थोसोमनिया के लक्षण
अगर आप भी हमेशा अच्छे नींद के चक्कर में रहते हैं या कई प्रकार के स्लीप ट्रैकिंग का उपयोग करते हैं. तो आपको ऑर्थोसोमनिया हो सकता है. अगर आपको इनमें से कोई लक्षण दिखें तो सचेत हो जाएं. इनके मुख्य लक्षण में शामिल हैं:

1. सोने में कठिनाई महसूस होना.
2. जागने के बाद भी दोबारा सोने का मन करना.
3. रात को नींद न आना.
4. चिड़चिड़ापन.
5. सोन के बाद बीच-बीच में बेचैनी.
6. दिन में बहुत  ज्यादा नींद आना.
7. सिर दर्द और एंग्जायटी.

अच्छी नींद के लिए क्या करें
बेहतर नींद के लिए जरूरी है कि आप अपनी लाइफ स्टाइल सही करें. सोने से 2 घंटे पहले खाना खा कर बिस्तर पर जाएं. इसके अलावा सोने जाने से पहले अपने पैरों को अच्छी तरह धो लें. साथ ही आप रात में सोने से पहले शराब या कोई भी कैफिन वाली चीजों को लेने से बचें. नींद एक नेचुरल प्रोसेस है, जिसे आप अपनी लाइफ स्टाइल सही कर काफी हद तक ठीक कर सकते हैं.

(यह स्टोरी नेहा मिश्रा ने लिखी है. नेहा Gnttv.com में बतौर इंटर्न काम कर रही हैं.)