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QR Code OPD Registration: अस्पतालों में लंबी लाइन से मिलेगा छुटकारा...फोन से हो जाएगा OPD रजिस्ट्रेशन, कैसे करेगा काम?कहां मिलेगी सुविधा, जानिए

अब आपको अस्पताल में ओपीडी रजिस्ट्रेशन करने के लिए लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब टोकन नंबर के जरिए मरीज पंजीकरण काउंटर पर जा सकते हैं और सीधे डॉक्टर से परामर्श ले सकेंगे. इसके लिए अस्पतालों ने एक क्यूआर कोड की सुविधा दी है.

OPD Registration (Representative Image) OPD Registration (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • ABHA के जरिए रख सकेंगे डिजिटल रिकॉर्ड

  • लंबी लाइन लगाने से मिलेगा छुटकारा

स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली के दो अस्पतालों ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है.राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) अपनी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत लोग अब क्यूआर कोड (QR Code)स्कैन करने ओपीडी रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे.

यह सुविधा अभी दिल्ली के दो अस्पताल लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) और श्रीमती सुचिता कृपलानी अस्पताल के नए ओपीडी ब्लॉक में तेजी से ओपीडी पंजीकरण सेवा के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करने की योजना है. इस सेवा के तहत पुराने और नए मरीज केवल एक क्यूआर कोड स्कैन करके अस्पताल में ओपीडी सेवा के लिए पंजीकरण करा सकेंगे. स्कैनिंग के बाद, उन्हें अस्पताल के साथ नाम, पिता का नाम, उम्र, लिंग, पता, मोबाइल नंबर आदि जैसे विवरण दर्ज करने होंगे.

यह ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर लगने वाले समय को कम करने में मदद करेगा. इससे अस्पताल के रिकॉर्ड में भी मरीक का सटीक डेटा फीड होगा. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सुविधा से अस्पतालों में लगने वाली लंबी लाइनों से छुटकारा मिल जाएगा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस सेवा को जल्द ही अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं और विभागों में विस्तारित करने की योजना है.

कैसे करें रजिस्ट्रेशन? 
1. मरीज अपने मोबाइल फोन (फोन कैमरा/स्कैनर/आभा ऐप/आरोग्य सेतु ऐप/या किसी अन्य एबीडीएम सक्षम ऐप का उपयोग करके) से अस्पताल के यूनीक क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और अस्पताल के साथ अपना प्रोफाइल विवरण शेयर कर सकते हैं. 

2. एक बार प्रोफाइल शेयर करने के बाद, अस्पताल एक टोकन नंबर (कतार संख्या) प्रदान करता है.

3. जेनरेट किया गया टोकन रोगी के चयनित ऐप को एक अधिसूचना के रूप में भेजा जाता है और रोगियों की आसानी के लिए ओपीडी पंजीकरण काउंटरों पर डिस्प्ले स्क्रीन पर भी दिखाया जाता है.

4. अपने टोकन नंबर के अनुसार, मरीज पंजीकरण काउंटर पर जा सकते हैं और सीधे डॉक्टर से परामर्श के लिए अपनी आउट पेशेंट पर्ची (ओपी स्लिप) प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि उनका विवरण पंजीकरण काउंटर पर पहले से मौजूद है.

5. इसके अलावा, रोगियों की सहायता के लिए सहायता कर्मियों को भी इस सेवा का उपयोग करने के चरणों और लाभों को समझने में मदद करने के लिए तैनात किया जाएगा.

ABHA के जरिए रख सकेंगे डिजिटल रिकॉर्ड
एनएचए की टीम स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर भी काम कर रही है. टीम रोगियों को उनके आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता या ABHA नंबर बनाने में मदद कर रही है जो उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने में मदद करेगा.

डॉ आरएस शर्मा के अनुसार, प्रत्यक्ष प्रोफाइल शेयर करने से रोगी रिकॉर्ड का डेटा एकदम सीटक प्राप्त होगा इसलिए एनएचए की टीम अन्य विभागों को भी सुविधाएं देने का काम कर रही है. मरीजों को समय और प्रयास बचाने में मदद करने के लिए ऐसी सेवाओं को अस्पतालों, क्लीनिकों,  डायग्नोस्टिक लैब आदि जैसी अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं तक भी विस्तारित किया जाएगा.