बागेश्वर विकासखण्ड अंतर्गत रैखोली जूनियर हाईस्कूल में उस वक्त अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया जब कक्षा 8 वीं की 5-6 छात्राएं अचानक चिल्लाने लगीं और रोते-रोते बेहोश होने लगी. इसके बाद आनन-फानन में स्कूल के शिक्षकों ने इन छात्राओं को जैसे तैसे संभाला. अभिवावकों को स्कूल में बुलाकर छात्राओं को घर भेजा गया. इधर कुछ लोग इस घटना को मास हिस्टीरिया बता रहे हैं. पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं पड़ोसी जिलों अल्मोड़ा,पिथौरागढ़, चमोली के सरकारी स्कूलों से सामने आ चुकी है. डॉक्टर्स की टीम आज जूनियर हाईस्कूल जाएगी और स्कूली छात्राओं की काउंसिलिंग करेगी. काउंसिलिंग के बाद छात्राओं का ईलाज किया जाएगा. स्कूल के शिक्षकों ने अन्य बच्चों को स्कूल आने के निर्देश दिए हैं. फ़िलहाल इस घटना के बाद से स्कूल में भय माहौल बना हुआ है.
क्या है मास हिस्टीरिया ?
मास हिस्टीरिया की स्थिति में एक समूह के लोग यानी एक से ज्यादा लोग एक दूसरे को देखकर असामान्य व्यवहार करने लगते हैं. और उसे बार बार तब तक दोहराते रहते हैं जब तक कोई उनसे बात नहीं करता. साइकेट्रिस्ट के अनुसार ऐसा तब होता है जब व्यक्ति मानिसक और भावनात्मक रूप से परेशानी में होता है. हिस्टीरिया से जो व्यक्ति गुजर रहा होता है उसमें क्रोध और डर बढ़ता जाता है. उसकी सोचने-समझने की शक्ति धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है. इसमें दिमाग में टकराव की स्थिति बनती है. ऐसे में क्या करना चाहिए तो इसका जवाब है कि उस व्यक्ति से बात करके समस्या पूछनी चाहिए. आम
हिस्टीरिया के लक्षण
अगर बात करें हिस्टीरिया के सामान्य लक्षण की तो कोई अचानक हंसने या रोने लगे तो ये हिस्टीरिया के लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा सिर, छाती, पेट, रीढ़ तथा कंधे की मांसपेशियों में तेज दर्द भी हो सकता है. हिस्टीरिया होने पर व्यक्ति के शरीर में अचानक गुदगुदी होने लगती है.
डिप्टी सीएमओ ने क्या कहा
इस घटना के बादबागेश्वर के डिप्टी सीएमओ हरीश पोखरिया ने बताया कि बच्चे स्कूल से ज्यादा दूर नही रहते हैं. हालांकि बच्चों के स्कूल का समय जल्दी का है इसलिए वो भूखे स्कूल आ गये थे और घबराहट होने के कारण ऐसी स्थिति हुई.
(जगदीश पांडेय की रिपोर्ट)