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Bharat Biotech Oral Cholera Vaccine: हैजा को खत्म करने की पहल! Covaccine बनाने वाली Bharat Biotech बनाएगी ओरल कॉलरा वैक्सीन Hillcol, जानें कौन ले पाएगा ये

Bharat Biotech Oral Cholera Vaccine Hillcol: भारत बायोटेक कंपनी (Bharat Biotech) ने हैजा को नियंत्रित करने के लिए ओरल कॉलरा वैक्सीन हिलकॉल (Oral Cholera Vaccine Hillcol) लॉन्च की है. हिलकॉल वैक्सीन के तीसरे फेज का टेस्ट सफल रहा.

Cholera vaccine (Photo Credit: Getty Images) Cholera vaccine (Photo Credit: Getty Images)

Bharat Biotech Oral Cholera Vaccine Hillcol: कोरोना महामारी को रोकने के लिए कोवैक्सीन (CoVaccine) बनाने वाली कंपनी अब एक और वैक्सीन बनाने जा रही है. भारत बायोटेक ने ओरल कॉलरा वैक्सीन हिलकॉल (Oral Cholera Vaccine Hillcol) लॉन्च की है.

भारत बायोटेक की वैक्सीन से हैजा पर नियंत्रण पाया जा सकता है. भारत बायोटेक ने बताया कि कोलरा वैक्सीन हिलकॉल तीसरे फेज के टेस्ट में सफल हुई है. इससे ये साबित होता है कि ये वैक्सीन लोगों के लिए पूरी तरह से सेफ है. 

 

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सफल रहा तीसरा फेज

हैजा की हिलकॉल वैक्सीन के तीसरे फेज का टेस्ट सफल रहा. न्यूज एजेंसी रायटर के मुताबिक, हिलकॉल वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लीनिकल टेस्ट में भारत से लगभग 3600 लोग शामिल हुए थे. इसके बाद ये पाया गया है कि इस वैक्सीन को सार्वजनिक तौर पर लोगों की सेहत के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

हैजा को खत्म करने के लिए बनाई जा रही हिलकॉल वैक्सीन एक सिंगल स्ट्रेन कॉलरा वैक्सीन है. इस वैक्सीन को हिलमैन लेबोरेटीज के लाइसेंस के तहत बनाया जा रहा है. 

कॉलेरा वैक्सीन को भारत बायोटेक के हैदराबाद प्लांट में बनाया जाएगा. इस बारे में कार्यकारी चेयरमैन कृष्णा एला (Krishna Ella Bharat Biotech) ने कहा कि इस प्लांट में हिलकॉल की 20 करोड़ डोज तैयार की जा सकेंगी.

दो डोज वाली वैक्सीन
इस बारे में भारत बायोटेक ने बताया कि ओरल कॉलरा वैक्सीन हिलकॉल दो डोज वाली वैक्सीन है. पहला डोज लेने के 14 दिन बाद दूसरी डोज को दिया जाता है. 

हिलकॉल वैक्सीन को एक साल से ज्यादा उम्र के बच्चे इस वैक्सीन को ले सकते हैं. इसका मतलब है कि हैजा की ये वैक्सीन 1 साल से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर सभी लोग लगवा सकते हैं.

हैजा वैक्सीन की कमी होगी पूरी
दुनिया भर में हैजा वैक्सीन की काफी मांग है. एक आंकड़े के मुताबिक, इस समय दुनिया भर में सालाना 100 मिलियन डोज की मांग है. वहीं सालाना 40 मिलियन वैक्सीन डोज की कमी हो रही है. 

दुनिया भर में कॉलरा वैक्सीन की कमी को पूरा करने के लिए भारत बायोटेक हैजा वैक्सीन बना रही है. ओरल कॉलरा वैक्सीन हिलकॉल लॉन्च करते समय भारत बायोटेक ने बताया- जल्द ही डबल्यूएचओ से दुनिया भर की इंटरनेशनल एंजेसीज के जरिए वैक्सीन की सप्लाई करने को लेकर बात करेंगे.

सस्ती होगी ये वैक्सीन
भारत बायोटेक के कार्यकारी चेयरमैन कृष्णा एला ने कहा- डब्ल्यूएचओ (WHO) ने साल 2030 तक हैजा में कमी लाने का टारगेट रखा है. हम भी इस टारगेट का हिस्सा हैं. 

कृष्णा एला ने बताया कि उनका टारगेट एशिया और अफ्रीका देशों के लिए यूनिसेफ (UNICEF) को सप्लाई करना है. यदि जरूरत पड़ी तो अलग-अलग देशों को भी वैक्सीन सप्लाई की जा सकती है. 

एला ने कहा- भारत में बंगाल और उड़ीसा जैसे कई राज्यों में हैजा की गंभीर समस्या है. मार्केट में ये हैजा की पहली वैक्सीन नहीं है लेकिन कई मामलों में ये उनसे अलग है. इसके अलावा दूसरी वैक्सीन की तुलना में ये सस्ती होगी.

हैजा से मौतें
भारत समेत पूरी दुनिया में हैजा एक गंभीर समस्या है. हैजा से पूरी दुनिया में मौतें हो रही है. साल 2021 से हैजा के मामलों और मौतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. 

साल 2023 की शुरुआत से मार्च 2023 तक दुनिया भर के 31 देशों में 8 लाख से ज्यादा हैजा के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं हैजा से इन देशों में लगभग 5900 मौतें भी हो चुकी हैं.

कैसे होता है हैजा?
कॉलेरा एक जानलेवा बीमारी होती है. हैजा एक बैक्टीरिया के कारण होता है. बैक्टीरिया हमारे शरीर में खाने और पानी से पहुंचता है. 

आसपास ज्यादा गंदगी होने की वजह से हैजा होने का खतरा बना रहता है. जिन जगहों पर सफाई की कमी होती है, उन इलाकों में हैजा का असर ज्यादा होता है.

हैजा के लक्षण जल्दी दिखने लगते हैं. आमतौर पर हैजा होने पर उल्टी-दस्त होने लगते हैं. ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर को जल्दी दिखाएं.