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Blood Sugar से लेकर Heart की बीमारियां होंगी कंट्रोल, बस Butter की जगह करें Olive Oil का इस्तेमाल

ऑलिव ऑयल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है. ये वही फैट होता है जो नट्स, जैतून, एवोकैडो और कद्दू के बीज में मिलता है. इन्हें प्लांट बेस्ड अनसैचुरेटेड फैट कहा जाता है. ये फैट खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करते हैं जबकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं.

Olive Oil (Representative Image/Unsplash) Olive Oil (Representative Image/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • प्लांट बेस्ड अनसैचुरेटेड फैट होता है अच्छा 

  • ऑलिव ऑयल है सेहत के लिए फायदेमंद 

ब्लड शुगर बढ़ना या हार्ट की बीमारियां होना आजकल काफी आम हो गया है. हर दूसरा इन समस्याओं का सामना कर रहा है. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के लिए सेहत पर ध्यान देना काफी मुश्किल होने लगा है. लेकिन अगर खानपान सही हो तो कुछ हद तक इन बीमारियों से बचा जा सकता है. 

हाल ही में नेचर मेडिसिन में एक स्टडी पब्लिश हुई है.  इससे पता चला है कि बटर या मक्खन को अगर ऑलिव ऑयल (Olive Oil) या जैतून के तेल से बदल दिया जाए तो फायदा हो सकता है. ऑलिव ऑयल से ब्लड शुगर के लेवल को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है और दिल की बीमारी का खतरा भी कम हो सकता है. 

ऑलिव ऑयल है सेहत के लिए फायदेमंद 
मुंबई के फोर्टिस अस्पताल में कंसल्टेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. श्वेता बुदियाल ने इस स्टडी को लेकर इंडियन एक्सप्रेस से बात की. उन्होंने कहा कि ये स्टडी इस बात पर प्रकाश डालती है कि ऑलिव ऑयल में प्लांट बेस्ड अनसैचुरेटेड फैट (Plant-Based Unsaturated Fats) मिलता है. ये दिल की बीमारी और डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए फायदेमंद है. 

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प्लांट बेस्ड अनसैचुरेटेड फैट होता है अच्छा 
जैसे नट्स, जैतून, एवोकैडो और कद्दू के बीज में मोनोअनसैचुरेटेड फैट (MUFA) होता है, ठीक ऐसा ही ऑलिव ऑयल में होता है. इन्हें प्लांट बेस्ड अनसैचुरेटेड फैट कहा जाता है. ये फैट खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करते हैं जबकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं. सोयाबीन, फ्लैक्स सीड और अखरोट के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं. ये कंपाउंड आर्टरी में प्लाक जमा होने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं. इससे दिल की बीमारी होने का जोखिम भी कम होता है. 

मोनोअनसैचुरेटेड फैट और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट दिल की सेहत को अच्छा रखने के लिए काम करते हैं. इनमें फाइटोस्टेरॉल, टोकोफेरोल कंपाउंड और फेनोलिक कंपाउंड होते हैं जो आर्टरी में सूजन और प्लाक बनने को कम करते हैं. 

डायबिटीज मैनेजमेंट में भी करता है फायदा 
प्लांट बेस्ड अनसैचुरेटेड फैट में सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. ये टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को भी फायदा पहुंचाता है. ये फैट जीएलपी-1 हार्मोन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं. इसके अलावा, यह ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करता है. 

जबकि एनिमल फैट में कैलोरी ज्यादा होती है और इससे वजन बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज कंट्रोल करने में परेशानी होती है. 

कैसे रखें ख्याल? 
1. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और सैचुरेटेड फैट कम करें. ये हार्ट के लिए काफी हानिकारक होता है और डायबिटीज मैनेजमेंट को बिगाड़ता है. 
2. पत्तेदार हरी सब्जियां खाने में शामिल करें. विटामिन और मिनिरल्स से भरपूर खाना खाएं. 
3. फल खाएं: फलों में जरूरी पोषक तत्व होते हैं और ये एंटीऑक्सीडेंट भी देते हैं.
4. प्रोटीन और साबुत अनाज डाइट में शामिल करें. ये संतुलित आहार बनाए रखने में मदद करते हैं और एनर्जी देने में मदद करते हैं.