कई बार ऐसा होता है कि शरीर के किसी एक हिस्से में दर्द महसूस होने के बाद वहां पर नीला निशान पड़ जाता है, और हम उस निशान को गंभीरता से नहीं लेते हैं. लेकिन आपको ये बात पता होनी चाहिए कि ये नीले निशान आपकी सेहत के बारे में काफी कुछ कहते हैं.
शरीर पर ये नीले निशान तभी पड़ते हैं जब चोट शरीर के अंदरुनी हिस्से में लगती है. नीले पड़ने को मेडिकल भाषा में इसे कन्टूशन या भीतरी चोट कहा जाता है.
आमतौर पर शरीर पर चोट लगने की वजह से रक्त धमनियों को चोट पहुंचती है, जिसकी वजह से वहां नीला निशान पड़ जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चोट लगने से निकलने वाला खून कोशिकाओं में फैल जाता है. नीले निशान पड़ने के और भी कई वजहें हो सकती हैं. जैसे बढ़ती उम्र से लेकर पोषण की कमी के कारण और हेमोफिलिया व कैंसर जैसी कुछ बीमारियां .
नीले निशान पड़ने के गंभीर कारण
कैंसर-
जो लोग बोन मैरो कैंसर या ल्यूकेमिया से जुझ रहे होते हैं, उनका शरीर ब्लड क्लॉट बना पाने के लिए प्लेटलेट्स नहीं बना पता है, इस वजह से उन्हें इस तरह के नीले देश निशान देखने को मिलते हैं. हालांकि आपके इन निशानों के कैंसर के अलावा कुछ दूसरे कारण भी हो सकते हैं.
पोषक तत्वों की कमी
खून के थक्कों और जख्मों को भरने में कुछ विटामिन और मिनरल की अहम भूमिका होती हैं. भोजन में विटामिन के, सी और मिनरल की कमी से शरीर पर नीले निशान दिखाई देने लगते हैं. विटामिन के खून को जमने में मदद करता है. साथ ही विटामिन सी स्किन और नसों में अंदरुनी चोट से बचाव करता है.
बुढ़ापा-
उम्र बढ़ने के साथ इंसान के शरीर की रक्त धमनियां सूरज की रोशनी का सामना आसानी से नहीं कर पाती हैं. जिसकी वजह से भी शरीर में नीले निशान पड़ जाते हैं.
एनीमिया-
शरीर में आयरन की कमी होने से भी शरीर नीला पड़ जाता है. किसी भी चोट को ठीक करने के लिए शरीर में आयरन और जिंक की जरूरत होती है.
खून पतला करने वाली दवाइयों की वजह से भी पड़ते हैं नीले निशान
एस्पिरिन का इस्तेमाल करने वालों का खून पतला हो जाता है. तो नीले निशान होने की शिकायत हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर से मिलने की जरूरत होती है.