जैसे-जैसे कोरोना के नए-नए वेरिएंट दुनिया में दहशत पैदा कर रहे हैं, वैसे-वैसे वैक्सीन के बूस्टर डोज की बहस बढ़ती जा रही है. अब इसी क्रम में एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने भी अपने कोविड-19 शॉट (C0vid-19 shot), वैक्सजेवरिया (Vaxzeveria) पर किए गए एक परीक्षण के परिणामों का खुलासा किया है.
एस्ट्राजेनेका का बूस्टर डोज करेगा कोरोना पर प्रहार
दरअसल एस्ट्राजेनेका ने दावा किया है कि वैक्सजेवरिया की बूस्टर डोज किसी भी कोविड वेरिएंट जैसे की ओमिक्रॉन, बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा सहित अन्य के खिलाफ एक अच्छी एंटीबॉडी प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है. यानी की वैक्सजेवरिया का बूस्टर शॉट कोविड के हर वेरिएंट पर असरदार होगा. एस्ट्राजेनेका ने दावा किया है कि उन लोगों में बढ़ी हुई प्रतिक्रिया देखी गई, जिन्हें पहले या तो वैक्सज़ेवरिया या एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) का टीका लगाया गया था.
शरीर में काफी तेजी से एंटीबॉडी पैदा करेगा बूस्टर डोज
एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ वैक्सीन बनाया था, और पिछले महीने लैब स्टडी में ये पाया गया कि वैक्सज़ेवरिया का तीन-खुराक कोर्स तेजी से फैल रहे नए संस्करण के खिलाफ काफी प्रभावशाली था. बूस्टर डोज पर एस्ट्राजेनेका ने पहली बार कोई डेटा जारी किया है. कंपनी का ये भी कहना है कि उसके निकाले गए डेटा से ये साफ होता है कि कोरोना को भगाने के लिए प्राथमिक टीकाकरण के अलावा तीसरी खुराक भी जरूरत पड़ेगी. ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के प्रमुख एंड्रयू पोलार्ड ने एक बयान में कहा, "इन महत्वपूर्ण अध्ययनों से पता चलता है कि एक ही टीके की दो शुरुआती खुराक, एमआरएनए वैक्सीन या निष्क्रिय टीकों के बाद वैक्सजेवरिया की तीसरी खुराक, कोविड-19 के लिए एंटीबॉडी बनाने में काफी असरदार होगी."
ब्रिटिश परीक्षण में बूस्टर डोज को पाया गया असरदार
दिसंबर में एक प्रमुख ब्रिटिश परीक्षण में पाया गया कि अगर एस्ट्राजेनेका या फाइजर के प्राथमिक टीकाकरण के बाद एस्ट्राजेनेका का बूस्टर शॉट लिया जाए तो वो शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ काफी तेजी से एंटीबॉडी बनाएगा. हालांकि ये प्रक्रिया एमआरएनए तकनीक पर आधारित है. अध्ययन में ये भी निष्कर्ष निकाला है कि फाइजर और मॉडर्ना द्वारा बनाए गए एमआरएनए टीकों के बूस्टर डोज लेने पर शरीर में काफी तेजी से एंटीबॉडी बनती है.