गुजरात में एक शिक्षिका के अंगदान से 5 लोगों को नई जिंदगी मिल गई है. इस कार्य को करके महिला टीचर के परिवार ने समाज में बड़ा संदेश दिया है. वलसाड, नानकवाडा हालर रोड स्थित नंदन पार्क सोसायटी में रहने वाले 26 वर्षीय पलक तेजस चांपानेरी वलसाड के धरमपुर में स्थित मॉर्डन सरकारी स्कूल में प्रवासी शिक्षिका के रूप में कार्यरत थीं. गत 11 सितंबर की रात को अचानक उनके सिर में दर्द हुआ था और उल्टियां शुरू हो गई थी. परिवार वाले उन्हें फ़ौरन इलाज के लिए वलसाड के कस्तूरबा अस्पताल लेकर गए थे. जहां जांच पड़ताल के बाद डॉक्टर भौमिक ठाकोर और डॉक्टर धीरेन हाडा ने पलक को ब्रेन हेमरेज होने का परिवार को बताया था.
कुल 5 लोगों को मिली नई जिंदगी
डॉक्टर की टीम ने कोईलिंग कर ब्लड का प्रवाह बंद कर दिया था. 12 सितंबर को ब्रेन हेमरेज़ हुई शिक्षिका को सूरत की किरण हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां डॉक्टर ने शिक्षिका पलक चांपानेरी को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. इस मामले की जानकारी जब सूरत की ऑर्गन डोनेशन के प्रति काम करने वाली डोनेट लाइफ़ संस्था के फाउंडर डायरेक्टर निलेश माण्डलेवाला को हुई तो उन्होंने अस्पताल जाकर परिवार से संपर्क किया था और शिक्षिका के परिवार को ऑर्गन डोनेट करने के लिए समझाया था.
निलेश के समझाने के बाद शिक्षिका का परिवार ऑर्गन डोनेट करने के लिए राज़ी हो गया था और ऑर्गन डोनेट किया था. निलेश भाई माण्डलेवाला ने बताया कि शिक्षिका के अंगदान में दो किडनी मिली जिसमें से एक 43 वर्षीय जबकि दूसरी 35 वर्षीय पुरुष के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया. शिक्षिका के लीवर का ट्रांसप्लांट बड़ौदा के 65 वर्षीय बुजुर्ग में किया गया था. इसी तरह शिक्षिका पलक चांपानेरी के दोनों नेत्रों का दो अलग-अलग लोगों में ट्रांसप्लांट करवा कर उन्हें दुनियां देखने की नई दृष्टि दी गई. ब्रेन डेड प्रवासी शिक्षिका पलक चांपानेरी के परिवार द्वारा उनके अंगों का दान करने से कुल पांच लोगों को नया जीवन मिल गया.
डोनेट लाइफ़ संस्था चला रही जन जागृति अभियान
बता दें कि सूरत की डोनेट लाइफ़ संस्था लगातार पिछले कई वर्षों से ऑर्गन डोनेट के लिए जन जागृति अभियान भी चला रही है और ब्रेन डेड होने वाले लोगों को समझाकर उनसे ऑर्गन डोनेशन भी करवा रही है.
संस्था के इस प्रयास से सैकडों लोगों को नया जीवन मिला है. डोनेट लाइफ़ द्वारा अब तक दक्षिण गुजरात से 1028 अंग और टिस्यू का दान करवाया गया है. जिसमें 432 किडनी, 184 लीवर, 8 पेंक्रियास, 40 हार्ट, 26 फेफड़े, 4 हाथ, और 334 नेत्र के दान से कुल 941 लोगों को नया जीवन देने में सफलता मिली है.
(रिपोर्ट: संजय सिंह राठौर)