ब्रेन ट्यूमर की मश्किल सर्जरी अब आसान हो जाएगी. ब्रेन ट्यूमर के इलाज की सटीक अत्याधुनिक और मिनटों में रिकवरी करने वाली सर्जरी पहली बार दक्षिण एशिया में उपलब्ध हुई है. साइबर नाइफ के बाद दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इस तकनीक ZAP-X के जेरियोस्कोपिक रेडियो सर्जरी प्लेटफार्म ने काम शुरू कर दिया है. इसके जरिए आधे घंटे में ब्रेन ट्यूमर का दर्द रहित तरीके से बेहद कम रेडिएशन यानी विकिरण से इलाज संभव हो पाया है. ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी में पहले तीन से चार घंटे का समय लगता था. इससे मस्तिष्क के पेचीदा बनावट को सुरक्षित रखने और सिर्फ ट्यूमर पर सर्जिकल स्ट्राइक करने में मदद मिलती है.
बिना किसी चीडर फाड़ के
अपोलो अस्पताल समूह के चेयरमैन डॉ प्रताप सी रेड्डी ने बताया कि जायरोस्कोपिक लाइनर एक्सीलरेटर के जरिए ट्यूमर पर सीधा लेजर टारगेट किया जाता है. इसमें कोई दर्द, कोई चीर फाड़ नहीं होती है और ज्यादा समय भी नहीं लगता है.ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी में मरीज को करीब चार से सात दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता था.लेकिन इस तकनीक में उसे उसी दिन घर भेज दिया जाएगा.इस नई तकनीक में मरीजों को एनेस्थीसिया देने की ज़रूरत नहीं पड़ती. इसमें सेप्टिक या इन्फेक्शन की भी कोई गुंजाइश नहीं होती है.
आगे बढ़ाए जाएंगे और बिस्तर
जैप सर्जिकल के सीईओ और न्यूरो सर्जरी के प्रोफेसर जॉन आर एडलर ने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज जल्दी ही अपने रोजमर्रा का कामकाज कर सकता है. दुनिया भर में पांच जगह ही ऐसी सुविधा है जिनमें 1,80,000 से ज्यादा सफल सर्जरी की जा चुकी हैं.डॉ. रेड्डी के मुताबिक अपोलो के दस हजार बिस्तरों वाले अस्पताल में हर साल 25,000 से ज्यादा न्यूरो सर्जरी होती हैं जिनमें 6000 से ज्यादा ब्रेन और रीढ़ को हड्डी के मामले होते हैं. अगले दो साल में दो हजार बिस्तर और बढ़ाने की योजना है.