ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी डाइट को लेकर काफी चर्चा में हैं. वे 36 घंटे का उपवास रखते हैं. ऋषि सुनक ने हाल ही में बताया कि वे रविवार शाम 5 बजे से मंगलवार सुबह 5 बजे तक लगातार 36 घंटे का उपवास करते हैं. इस पूरे समय में, वह किसी तरह का सॉलिड फूड नहीं खाते हैं. वह केवल पानी, चाय और कैलोरी-फ्री ड्रिंक ही पीते हैं. इस तरह की फास्टिंग के बारे में सुनकर अब लगातार लोग चर्चा कर रहे हैं.
5:2 डाइट क्या है?
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का ये रूटीन 5:2 डाइट पर आधारित है. जहां व्यक्ति सप्ताह में पांच दिन सामान्य रूप से खाते हैं और बचे हुए दो दिनों में अपने कैलोरी इन्टेक को 300-500 कैलोरी तक लिमिट कर देते हैं. इतनी कम कैलोरी केवल कम कैलोरी वाली एनर्जी ड्रिंक और लिक्विड चीजों से मैनेज हो पाती है. मैक्स हेल्थकेयर में क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स विभाग की रितिका समद्दर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस तरह से कम कैलोरी लेने से शरीर फ्यूल के लिए जो फैट शरीर में इकट्ठा हो जाता है, उसे जलाता है. इससे वजन कम होता है.
इसे कहते हैं Monk Fast
अपोलो अस्पताल की डॉ. प्रियंका रोहतगी के अनुसार, इस तरह के उपवास को मोंक फास्ट कहते हैं. इस तरह के उपवास के कई फायदे होते हैं. ये डाइट वजन घटाने में मदद करती है. यह ऑटोफैगी को भी एक्टिव करती है. ऑटोफैगी एक तरह की एक नेचुरल सेलुलर प्रक्रिया जो डैमेज हुई सेल्स को खत्म करती है और हेल्दी सेल्स को बनने में मदद करती है. इसकी मदद से शरीर तरह-तरह की बीमारियों से बचा रहता है.
क्या इस डाइट से घटता है वजन?
अध्ययनों से पता चला है कि 5:2 डाइट वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग जितनी ही प्रभावी है. हालांकि, इसमें कैलोरी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. उपवास के दौरान अपने जितनी कैलोरी कम करने में मेहनत की है कोशिश करें कि गैर उपवास वाले दिन उसकी अति न करें. इसके अलावा, 24 घंटे से ज्यादा लंबे समय तक उपवास करने से भूख, थकान, नींद न आना और सिरदर्द जैसी चीजें हो सकती हैं. इसलिए खानपान का भी ध्यान रखें. किसी भी तरह की फास्टिंग किसी न किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें.
कौन न करें ऐसी फास्टिंग?
बता दें, इस तरह की फास्टिंग सबको करने की सलाह नहीं दी जाती है. 25 साल से कम उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, किसी तरह की बीमारी से जूझ रहे लोगों या मेडिकेशन वाले लोगों को इस तरह की फास्टिंग से बचना चाहिए. क्योंकि उनके शरीर को विशिष्ट पोषण संबंधी जरूरतें होती हैं. इसलिए फास्टिंग में आपकी तबियत भी खराब हो सकती है.