कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन एकमात्र हथियार है. दुनियाभर में COVID-19 से निपटने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. दुनियाभर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तरह-तरह की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. अब तक मौजूद कोविड के तमाम वेरिएंट्स के खिलाफ टीकों को संक्रमण से बचाव के लिए असरदार पाया गया है. इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए कनाडा की सरकार ने दुनिया की पहली प्लांट बेस्ड कोविड-19 वैक्सीन (Plant Based COVID-19 Vaccine) के इस्तेमाल को मंजूरी दी है।
वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ दुनिया की पहली ऐसी वैक्सीन बनाई है जिसे पौधे से तैयार किया गया है. कनाडा की सरकार ने इस प्लांट बेस्ड वैक्सीन कोविफेंज (Covifenz) को मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन को मित्सुबिशी केमिकल, बायोफार्मा कंपनी मेडिकागो और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन ने मिलकर बनाया है. कनाडा में तैयार हुई यह कोविड की पहली वैक्सीन है. यह पहला ऐसा टीका है जिसे प्लांट-बेस्ड प्रोटीन तकनीक का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है. कनाडा सरकार ने फिलहाल 18 से 64 की उम्र के लोगों के लिए इसके इस्तेमाल को मंजूरी दी है. 18 से कम और 64 से ज्यादा उम्र वाले लोगों में इस वैक्सीन की प्रभाविकता को जानने के लिए फिलहाल अध्ययन जारी है.
18 से 64 साल की उम्र के लोगों पर हुआ ट्रायल
रिपोर्ट के मुताबिक, इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल 18 से 64 साल की उम्र के लोगों पर किया गया. ट्रायल में यह वैक्सीन कोरोना के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ 71 प्रतिशत तक असरदार पाई गई है. खासकर कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह 75 प्रतिशत तक प्रभावी रही है. दुनियाभर में अब तक उपलब्ध कोरोना वैक्सीन एमआरएनए, वायरल वैक्टर या निष्क्रिय कोरोनावायरस का इस्तेमाल कर बनायी गयी है, लेकिन कोविफेंज इन सबसे अलग प्लांट बेस्ड तकनीक के इस्तेमाल से तैयार की गई है.
प्लांट बेस्ड तकनीक से तैयार
कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक यह वैक्सीन प्लांट बेस्ड वायरस जैसे कणों (VLP) का इस्तेमाल कर तैयार की गई है. कोविफेंज में पौधे के ऐसे कण हैं जो शरीर में नकली स्पाइक प्रोटीन तैयार करते हैं. शरीर का इम्यून सिस्टम इस प्रोटीन को बाहर निकाल देता है. ऐसा होने के बाद शरीर में इस प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी बनने लगती है. दूसरी वैक्सीन की तरह कोविफेंज की भी दो डोज दी जाएंगी. दोनों डोज के बीच 21 दिन का अंतर रखा जाएगा. प्रत्येक खुराक में 3.75 माइक्रोग्राम स्पाइक प्रोटीन और 0.25 मिलीलीटर AS03 एडजुवेंट होता है. कोविफेंज लगने के बाद कुछ मरीजों में इसके साइडइफेक्ट दिख सकते हैं. वैक्सीन लगने के कुछ घंटों तक ये लक्षण दिख सकते हैं. इनमें बुखार, जुकान, डायरिया, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और खांसी जैसे लक्षण शामिल हैं.