आधुनिक तकनीकों के साथ मेडिकल साइंस ने भी काफी तरक्की कर ली है. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कैंसर सहित कई घातक बीमारियों को ठीक करने के लिए नई उपचार विधियों की खोज की है. किसी समय में जब कैंसर का इलाज नहीं था तब कई सारे लोग अपनी जान यूं ही गवां देते थे. लेकिन अब आधुनिक दवाएं इतनी प्रभावी हैं कि उन्होंने जीवित रहने की दर में वृद्धि की है.
लेकिन अब यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक अध्ययन में जो बात सामने आई है वो आपको हैरान कर देगी. अध्ययन में पाया गया कि कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं सेहत पर बुरा असर डालती हैं.
क्या होती है कार्डियोटॉक्सिसिटी?
अध्ययन के अनुसार, कैंसर के कुछ उपचार हृदय को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस स्थिति को कार्डियोटॉक्सिसिटी (cardiotoxicity)कहा जाता है. कैंसर की दवाएं दिल की पंपिंग क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं और कभी-कभी हार्ट फेल का कारण भी बन सकती हैं. साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में खून में मौजूद प्रोटीन की पहचान की गई है जो कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली दवाओं में पाया जाता है और हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकता है.
शोधकर्ताओं ने 33 प्रोटीनों की पहचान की जो खून में मौजूद हैं और कई हृदय रोगों के विकास के जोखिम से जुड़े हैं. इनमें विभिन्न प्रकार की हार्ट फेलियर और आलिंद फिब्रिलेशन (एक असामान्य हृदय गति जो स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है) शामिल हैं.
अभी चल रही है और खोज
अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ फ्लोरियन श्मिट (यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंस) के मुताबिक, "हमारे अध्ययन में पहचाने गए प्रोटीन भविष्य में दवा के विकास में तेजी लाने में मदद करेंगे, जिससे वैज्ञानिकों को कैंसर और हृदय रोग दोनों के लिए नए उपचार के लिए एक ब्लूप्रिंट पेश किया जा सकता है. यह उन्हें डिजाइन की गई दवाओं के प्रभावों के बारे में अधिक आश्वस्त होने में उनकी मदद करेगा."
ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन के चिकित्सा निदेशक प्रोफेसर सर नीलेश समानी ने कहा, "हालांकि कैंसर के इलाज में प्रगति हुई है, लेकिन इन दवाओं से दिल को नुकसान पहुंचने का एक परिणाम सामने आया है. यह शोध सुरक्षित और अधिक रिफाइन्ड दवाओं के विकास की ओर इशारा करता है ताकि एक दिन कैंसर के उपचार के बाद हृदय की समस्याओं के विकास के बारे में चिंता अतीत की बात हो."