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एसिडिटी या गैस में खाते हैं Ranitidine दवा तो हो जाएं सावधान! हो सकता है कैंसर का खतरा, केंद्र ने इन 26 दवाओं को जरूरी दवाओं की लिस्ट से हटाया

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को Essential Medicine की लिस्ट जारी की है. नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन में से इसबार 26 दवाओं को हटा दिया गया है.

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हाइलाइट्स
  • जरूरी दवाओं की लिस्ट से 26 दवाओं को हटाया गया है

  • इसमें 384 दवाएं शामिल हैं

छोटी-मोटी बीमारी होने पर हम अक्सर घर में ही अपना इलाज करना सही समझते हैं. ऐसे में एसिडिटी या गैस जैसी परेशानी में अक्सर ‘रैनिटिडीन’ (Ranitidine) नाम की दवाई का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए. केंद्र सरकार ने कैंसर पैदा करने वाली चिंताओं को लेकर Antacid Salt Ranitidine को जरूरी दवाओं (Essential Medicine) की लिस्ट से हटा दिया है. इस लिस्ट से 26 दवाओं को हटाया गया है. 

बता दें, रैनिटिडीन को ज्यादातर एसीलोक, जिनेटैक, और रैंटैक ब्रांड नामों के तहत बेचा जाता है, और आमतौर पर इसे एसिडिटी और पेट दर्द से संबंधित दिक्कतों में इस्तेमाल किया जाता है. 

26 दवाओं को हटाया है लिस्ट से

दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन (NLEM) जारी की है. इसमें 384 दवाएं शामिल हैं. इस बीच, लिस्ट से हटाई गई 26 दवाओं को देश में दुकानों से हटाया जाएगा. इस लिस्ट में शामिल हैं ये नाम:

सं.न. दवाई का नाम

1.

अल्टेप्लेस (Alteplase)

2.

एटेनोलोल (Atenolol)

3.

सुक्रालफेट (Sucralfate)

4.

वाइट पेट्रोलेटम (White Petrolatum)

5.

स्टावूडीन (ए) + लैमिवुडिन (बी)   (Stavudine (A) + Lamivudine)

6.

रिफाब्यूटिन (Rifabutin)

7.

रैनिटिडीन (Ranitidine)

8.

प्रोकार्बाजिन (Procarbazine)

9.

प्रिलोकेन (ए) + लिग्नोकेन (बी)  Prilocaine (A) + Lignocaine (B)

10.

पेंटामिडाइन (Pentamidine)

11.

पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2ए, पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी

12.

निकोटिनामाइड (Nicotinamide)

13.

मेथिल्डोपा (Methyldopa)

14.

लेफ्लुनोमाइड (Leflunomide)

15.

लैमिवुडिन (ए) + नेविरापीन (बी) + स्टावूडीन (सी)

16.

कनामाइसिन (Kanamycin)

17.

गैनिक्लोविर (Ganciclovir)

18.

एथिनिल एस्ट्राडियोल (ए) नोरेथिस्टरोन (बी) (Ethinylestradiol(A) Norethisterone (B))

19.

एथिनिल एस्ट्राडियोल (Ethinylestradiol)

20.

एरिथ्रोमाइसिन (Erythromycin)

21.

डाइमेरकाप्रोल (Dimercaprol)

22.

डाइलोक्सैनाइड फ्यूरोएट (Diloxanide furoate)

23.

क्लोरफेनिरामाइन (Chlorpheniramine)

24.

सेट्रिमाइड (Cetrimide)

25.

कैप्रोमाइसिन (Capreomycin)

26.

ब्लीचिंग पाउडर (Bleaching Powder)

दवाओं की कीमतों में आ सकती है कमी

गौरतलब है कि रैनिटिडीन कैंसर से संबंधित चिंताओं के लिए दुनिया भर में जांच के दायरे में है. इसीलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स के साथ इसे जरूरी स्टॉक से बाहर निकालने के बारे में चर्चा की है. बता दें, इसकी जांच साल 2019 से चल रही है जब अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने दवा में संभावित कैंसर पैदा करने वाली बात कही थी. 

इस बीच, नई लिस्ट के साथ, भारत में कई उच्च-मांग वाली दवाओं की कीमतों में कमी आने की संभावना है, जिसमें इंसुलिन ग्लार्गिन जैसी एंटी-डायबिटिक, डेलामेनिड जैसी एंटी-टीबी दवाएं और आइवरमेक्टिन जैसी एंटीपैरासाइट शामिल हैं.