हाल ही में, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) ने CDRI-1,500 मॉलेक्यूल नामक ओरल पिल विकसित की है. इसका फेज-1 क्लिनिकल ट्रायल्स जल्द ही शुरू होगा. आपको बता दें कि यह एक दवा है जो टूटी हुई हड्डियों को ठीक करने में तेजी से काम करेगी. यह जानकारी संस्थान की वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक दिव्या सिंह ने गुरुवार को Indian Institute of Toxicology Research के WARM-TH 2024 सम्मेलन में अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत करते हुए शेयर की.
क्या खास है इस दवा में
दिव्या सिंह ने कहा कि भारत में दुर्घटना दर दुनिया में सबसे ज्यादा है, जिससे चोटें आने या लोगों के मरने की दर गंभीर होती है. ऐसे में, इस दवा के विकास की बहुत जरूरत है जो तुरंत राहत देती है, इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और फ्रैक्चर को तेजी से ठीक किया जा सकता है.
दिव्या ने कहा, "सीडीआरआई वर्तमान में दो नई हड्डी ट्रीटमेंट यूनिट्स CDRI-1500 और CDRI-399 पर काम कर रही है. उन्हें दवा नियामक निकायों से सभी जरूरी मंजूरी मिल गई है और वे CDRI-1500 के फेज-1 क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए तैयार हैं.
ओरल पिल है यह दवा
CDRI-1500 एक टेबलेट या गोली है. इसे ओरली लिया जाएगी और यह दवा वास्तव में फ्रैक्चर ठीक करने वाला सिंथेटिक मॉलेक्यूल है. वर्तमान में, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई ओरली एक्टिव फ्रैक्चर हीलिंग सिंथेटिक मॉलेक्यूल उपलब्ध नहीं है. अब तक BM मॉलेक्यूल को खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने बच्चों और वयस्कों के फ्रैक्चर के लिए अप्रुव किया है. हालांकि, बीएम का उपयोग प्रतिबंधित है क्योंकि इससे कई क्लिनिकल कॉम्पलिकेशन होती हैं और इसमें बहुत ज्यादा लागत शामिल होती है.